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धन तथा ऋण आवेश किसे कहते हैं? | positive and negative charges

धन तथा ऋण आवेश किसे कहते हैं? |  positive and negative charges

विद्युत आवेश (Electric charge) एक भौतिक गुण है जो किसी भी विद्युतचुंबकीय वस्तु या कण में पाया जाता है। आवेश को मुख्यतः दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है: धन आवेश (Positive Charge) और ऋण आवेश (Negative Charge)।

धन आवेश (Positive Charge)

  • जब किसी वस्तु में प्रोटॉनों की संख्या इलेक्ट्रॉनों की संख्या से अधिक होती है, तो उस वस्तु में धन आवेश होता है।
  • धन आवेश वाली वस्तुएँ ऋण आवेश वाली वस्तुओं को आकर्षित करती हैं।
  • उदाहरण के लिए, प्रोटॉनों में धन आवेश होता है।

ऋण आवेश (Negative Charge)

  • जब किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या प्रोटॉनों की संख्या से अधिक होती है, तो उस वस्तु में ऋण आवेश होता है।
  • ऋण आवेश वाली वस्तुएँ धन आवेश वाली वस्तुओं को आकर्षित करती हैं और दूसरी ऋण आवेश वाली वस्तुओं को विकर्षित करती हैं।
  • उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रॉनों में ऋण आवेश होता है।

इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन विद्युत आवेश के मूलभूत कण हैं, जहाँ इलेक्ट्रॉन में ऋणात्मक आवेश और प्रोटॉन में धनात्मक आवेश होता है। न्यूट्रॉन नामक एक अन्य कण भी होता है, जो न्यूट्रल होता है और इसमें कोई आवेश नहीं होता। विद्युत आवेश की ये अवधारणाएँ विद्युतचुंबकीय घटनाओं को समझने में मूलभूत हैं।

धन तथा ऋण आवेश (positive and negative)

इस तथ्य को हम निम्नलिखित प्रयोगों द्वारा देख सकते हैं।

प्रयोग 1

कांच की एक छड़ को रेशम से रगड़कर यदि चित्र 1.1 की भांति रेशम (silk) के धागे से बांधकर लटका दिया जाए तथा एक अन्य कांच (glass) की छड़ को रेशम से रगड़कर, इस लटकी हुई छड (rods) के पास लाए तो हम पाते हैं कि लटकी हुई छड़ दूर हट जाती है, अर्थात दोनों छड़ो में परस्पर प्रतिकर्षण (repulsion) होता है।

कांच की एक छड़ को रेशम से रगड़कर यदि चित्र 1.1 की भांति रेशम (silk) के धागे से बांधकर लटका दिया जाए तथा एक अन्य कांच (glass) की छड़ को रेशम से रगड़कर, इस लटकी हुई छड (rods) के पास लाए तो हम पाते हैं

प्रयोग 2

अब यदि चित्र 1.2 की भांति एबोनाइट की छड़ (Ebionite rods) को फर से रगड़कर लटका दें और एक अन्य एबोनाइट की छड़ (rods) को फर से रगड़कर लटकी हुई छड़ के पास लाते हैं तो हम पाते हैं कि इनमें भी परस्पर प्रतिकर्षण (repulsion) होता है।

अब यदि चित्र 1.2 की भांति एबोनाइट की छड़ (Ebionite rods) को फर से रगड़कर लटका दें और एक अन्य एबोनाइट की छड़ (rods) को फर से रगड़कर लटकी हुई छड़ के पास लाते हैं

प्रयोग 3

यदि एबोनाइट की छड़ (Ebonite rods) को फर से रगड़कर लटका दे तथा कांच (glass) की छड़ को रेशम से रगड़कर, लटकी हुई एबोनाइट (Ebonite) की छड़ के पास लाए (चित्र 1.3) तो हम पाते हैं कि एबोनाइट की छड़, कांच की छड़ की ओर खींचती है, अर्थात दोनों छड़ो में परस्पर आकर्षण (attraction) होता है।

यदि एबोनाइट की छड़ (Ebonite rods) को फर से रगड़कर लटका दे तथा कांच (glass) की छड़ को रेशम से रगड़कर, लटकी हुई एबोनाइट (Ebonite) की छड़ के पास लाए (चित्र 1.3) तो हम पाते हैं

महत्वपूर्ण तथ्य

  • सजातीय या समान (same) प्रकार के आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
  • विजातीय या विपरीत (opposite) प्रकार के आवेश एक-दूसरे को आकर्षित (attraction) करते हैं।

उपयुक्त प्रयोगों का निष्कर्ष

  1. कांच की छड़ (glass rod) को रेशम से रगड़ने पर, उस पर एक प्रकार का आवेश (charge) आता है तथा एबोनाइट की छड़ (rod) को फर से रगड़ने पर, इस पर दूसरे प्रकार का आवेश आता है।
  2. समान प्रकार के आवेश (Like Charges) परस्पर प्रतिकर्षित करते हैं तथा विस्तृत प्रकार के आवेश (Unlike Charges) परस्पर आकर्षित करते हैं।

सुविधा के लिए कांच की छड़ पर (रेशम से रगड़ने पर) उत्पन्न आवेश को धन आवेश (positive charge) तथा एबोनाइट की छड़ पर (फर से रगड़ने पर) उत्पन्न आवेश को ऋण आवेश (negative charge) कहते हैं। पदार्थों को परस्पर रगड़कर उनका आवेशित हो जाना घर्षण द्वारा आवेशन कहा जाता है। प्रत्येक पदार्थ को किसी उचित पदार्थ से रगड़कर आवेशित किया जा सकता है। इनमें उत्पन्न आवेश या कांच की आवेशित छड़ (Charged rods) को प्रतिकर्षित करेंगे अथवा एबोनाइट (Ebonite) की आवेशित छड़ को प्रतिकर्षित करेंगे। अतः सभी आवेशों को केवल निम्नलिखित दो श्रेणियों में बांटा (distribute) जा सकता है: धन तथा ऋण आवेश।