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राजनीतिक दल से क्या तात्पर्य है?

राजनीतिक दल से क्या तात्पर्य है?

राजनीतिक दल व्यक्तियों का ऐसा संगठन होता है जिनकी सामान्य विचारधारा तथा सिद्धांत होते हैं तथा जिनका उद्देश्य सामूहिक प्रयासों द्वारा सत्ता प्राप्त करना होता है। राजनीतिक दल राजनीतिक में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। राजनीतिक दल की प्रमुख परिभाषाएं निम्नलिखत है-

राजनीतिक दल की परिभाषा

1.गैटल के अनुसार-”राजनीतिक दल नागरिकों का वह समुदाय है जो एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करता है और अपने मतदान की शक्ति का प्रयोग करके सरकार को नियन्त्रित करना तथा अपनी सामान्य नीति की पूर्ति करना चाहता है।”

2.लीकाक के अनुसार-”राजनीतिक दल संगठित नागरिकों के उस समुदाय को कहते हैं जो एक जगह मिलकर एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करते हैं। उनके विचार सार्वजनिक प्रश्नों पर एक जैसे होते हैं और वे सामान्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए मतदान की शक्ति का प्रयोग करके सरकार पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहते हैं।”

3.फ्रेडरिक के अनुसार-”एक राजनीतिक दल उन व्यक्तियों का समूह है जो अपने नेताओं के लिए शासकीय नियन्त्रण प्राप्त करने अथवा उसे बनाए रखने के उद्देश्यसे स्थायी रूप से संगठित होते हैं और आगे अनुशासित रहकर लाभ प्राप्त करने के प्रयास करते हैं।”

4.मैकाइवर के अनुसार-”राजनीतिक दल वह समुदाय है जिसका संगठन किसी विशेष सिद्धान्त या नीति के समर्थन के लिए हुआ हो और वह संविधानिक साधनों द्वारा सरकार बनाने के लिए इस सिद्धान्त या नीति का सहारा लेता हो।”

5.गिलक्राइस्ट के अनुसार-”राजनीतिक दल व्यक्तियों के उस समुदाय को कहते हैं जिसके सदस्यों के राजनीतिक विचार एक से होते हैं और जो एक राजनीतिक इकाई की तरह कार्य करके सरकार पर नियन्त्रण करने की चेष्टा करते हैं।” 

प्रजातंत्र में राजनीतिक दलों का महत्व

प्रजातंत्रात्मक शासन के लिए राजनीतिक दलों का होना अनिवार्य है। गिलक्राइस्ट के अनुसार, प्रजातंत्र शासन जनता का शासन ना होकर जनता के प्रतिनिधियों का ही शासन होता है। लार्ड ब्राइस के अनुसार, प्रजातंत्र में राजनीतिक दल अनिवार्य है। कोई भी विशाल स्वतंत्र देश उनके बिना नहीं रह सका है।कोई भी यह स्पष्ट नहीं कर सका है कि उनकी अभाव में प्रतिनिघ्यात्मक शासन किस प्रकार चलाया जा सकता है।

संक्षेप में प्रजातंत्र में राजनीतिक दलों का महत्व निम्नलिखित दृष्टियों से है-

  1. स्वस्थ लोकमत का निर्माण करना।
  2. निर्वाचनओं का संचालन करना।
  3. सभी वर्गों के हितों का प्रतिनिधित्व करना।
  4. साजन के विभिन्न अंगों में समन्वय स्थापित करना।
  5. सरकार का निर्माण और संचालन करना।
  6. शासन सत्ता को मर्यादित रखना।

वर्तमान में कोई भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था जनों के अभाव में कार्य नहीं कर सकती है।नेपाल में कुछ समय पूर्व दलविहीन लोकतंत्र के सिद्धांतों को अपनाने का प्रयास किया गया परंतु यह प्रयास पूर्णता या असफल हो गया।