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रोपण कृषि की विशेषताएं | रोपण कृषि का क्या महत्व है?

रोपण कृषि की विशेषताएं | रोपण कृषि का क्या महत्व है?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको रोपण के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

रोपण क्या है?

उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में कि जाने वाली कृषि की वह विधि जो एक बडे भू-भाग मे उन्नति किस्म के बीजों, कीटनाशकों व आधुनिक कृषि यंत्रों के साथ एक निश्चित फसलों का उत्पादन बडे पैमाने पर व्यापारिक व निर्यात के उद्देश्यो की पूर्ति के लिए ही की जाती है। रोपण कृषि (plantation agriculture) कहलाती हैं।

रोपण कृषि एक प्रकार की व्यावसायिक खेती है जिसमें पूरे वर्ष के लिए एक ही फसल उगाई जाती है। इस प्रकार की खेती के लिए बड़ी मात्रा में श्रम और पूंजी की आवश्यकता होती है। फसल उत्पादन को आगे उसी खेत में संसाधित किया जा सकता है जहां इसे उगाया जाता है या पास के कारखानों या छोटे पैमाने के उद्योगों में।

इस विशेष विषय पर मेरे सीमित रिकॉर्ड के अनुसार, रोपण खेती कृषि की एक प्रणाली थी जिसमें अमेरिका में ब्रिटिश उपनिवेशों के बड़े खेतों में कपास, चावल, चीनी, तंबाकू, और अन्य खेतों को बोने और काटने के लिए दासों के ज़बरदस्त श्रम का उपयोग किया जाता था। व्यापार और निर्यात के लिए उत्पादन। रोपण खेती में, बड़े पैमाने पर फसलें लगाई जाती थीं, आमतौर पर केवल एक प्रमुख पौधों की प्रजातियां उगती थीं। रोपण खेती की प्रणाली 'नकदी फसलों' पर आधारित थी जिसमें पौधों को दूर के बाजारों में मुनाफे के लिए बेचा जाता था और बागानों पर व्यक्तिगत उपयोग (निर्वाह खेती) के लिए उपयोग नहीं किया जाता था।

रोपण कृषि का क्या महत्व है?

रोपण कृषि में पेड़ और झाड़ियाँ शामिल हैं जिन्हें 2-3 साल से अधिक की अवधि के लिए लाभ प्राप्त करने के लिए बोया जाता है। शुरुआती वर्षों में निवेश अधिक है लेकिन लंबी अवधि के लिए अच्छा है। रोपण फसलें मिट्टी और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में मदद करती हैं। उदाहरण: चाय, कॉफी के बागान ढलान वाले पहाड़ी इलाकों में उगाए जाते हैं जो मिट्टी के कटाव को रोकते हैं। बंजर और बंजर भूमि में काजू की खेती से मिट्टी का कटाव होता है। कयर और कयर उत्पादों का निर्यात लगभग 260 मिलियन रुपये/वर्ष की कमाई करता है।

  1. फलने शुरू होने के बाद यह राजस्व का एक नियमित स्रोत उत्पन्न करता है। मौसमी फसलों की तुलना में बाढ़, बारिश, सूखे जैसे कारकों का पेड़ों पर कम प्रभाव पड़ता है।
  2. ज्यादातर पेड़ उन फलों के लिए लगाए जाते हैं जिन्हें हम कच्चा खाते हैं या नहीं पकाते। इसलिए जैविक खेती की आवश्यकता मौसमी सब्जियों की अपेक्षा कहीं अधिक है।
  3. पेड़ छाया प्रदान करते हैं और कई जानवरों और पक्षियों का घर बन जाते हैं। वे खेत के पारिस्थितिकी तंत्र को बदलते हैं
  4. बड़े रोपण पर इको-टूरिज्म, फॉरेस्ट फार्मिंग, कार्बन फुटप्रिंट रिवर्सल आदि जैसी कई अन्य संभावनाएं भी तलाशी जा सकती हैं।

रोपण कृषि में पेड़ और झाड़ियाँ शामिल हैं जिन्हें 2-3 साल से अधिक की अवधि के लिए लाभ प्राप्त करने के लिए बोया जाता है। शुरुआती वर्षों में निवेश अधिक है लेकिन लंबी अवधि के लिए अच्छा है। रोपण फसलें मिट्टी और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में मदद करती हैं।

रोपण कृषि की प्रमुख विशेषता

(A) एकल फसलों की प्रधानता

रोपण कृषि मे एकल फसलों की प्रधानता इसकी सबसे प्रमुख विशेषताओ मे से एक है। भारत में चाय, काफी एवं गन्ना आदि फसलें इसके अन्तर्गत सर्वाधिक भू-भागों में उगाई जाती है।

(B) कृषि का एक बडा भू-भाग की प्रधानता

रोपण कृषि के अन्तर्गत कृषि का एक बहुत ही बडा भू-भाग इसकी दुसरी सबसे प्रमुख विशेषता मे से एक है इसके अन्तर्गत सैकड़ों हेक्टेयर क्षेत्रफल पर विभिन्न प्रकार के फसलों का उत्पादन किया जाता है।

(C) आधुनिक कृषि पद्धति

रोपण कृषि मे आधुनिक कृषि  पद्धति का सर्वाधिक प्रयोग विभिन्न प्रकार के फसलों के उत्पादन में किया है। इस विधि के कृषि मे अनेकों प्रकार के कृषि यंत्रों, सिचाई के साधनों, विभिन्न प्रकार  उन्नत किस्म के बीजो का प्रयोग बडे पैमाने पर किया जाता है।

(D) बहुवर्षीय फसलों की प्रधानता

रोपण कृषि का एक प्रमुख विशेषता बहुवर्षीय फसलों की प्रधानता भी है। इन बहुवर्षीय फसलों को एक बार रोपण कर देने के बाद अगले कुछ सालों तक इससे उत्पादन प्राप्त होता रहता है।

(E) कृषि रासायनों व उर्वरकों का सर्वाधिक प्रयोग

रोपण कृषि मे विभिन्न प्रकार के कृषि रासायनोंं व उर्वरकों का प्रयोग बडे पैमाने पर एक अच्छी फसल उत्पादन के लिए किया जाता है।

(F) यातायात की उचित ब्यवस्था

रोपण कृषि के अन्तर्गत मालो की ढुलाई आदि कार्यों के लिए यातायात की एक उचित ब्यवस्था किया जाता हैं।

(G) सर्वाधिक पूंजी का निवेश

रोपण कृषि को एक सर्वाधिक पूंजी निवेश कृषि के लिए भी जाना जाता है। इस कृषि के अन्तर्गत जिन भी फसलों का उत्पादन किया जाता है उन सभी फसलों में एक बहुत बडी मात्रा में पूंजी का निवेश किया जाता है।

रोपण कृषि को एक सर्वाधिक पूंजी निवेश कृषि के लिए भी जाना जाता है। इस कृषि के अन्तर्गत जिन भी फसलों का उत्पादन किया जाता है उन सभी फसलों में एक बहुत बडी मात्रा में पूंजी का निवेश किया जाता है।

(H) कच्चे माल का ही उत्पादन 

रोपण कृषि के अन्तर्गत जिन भी फसलों का उत्पादन किया जाता है उन सभी उत्पादो को कच्चे माल के उद्देश्य के लिए ही उत्पादन किया जाता है। तथा इन कच्चे मालो को देश के विभिन्न राज्यों व विदेशों में भेज दिया जाता हैं।

रोपण कृषि की अन्य विशेषताएं

रोपण खेती काफी प्रसिद्ध तथा लोगों की पसंदीदा खेती है इस खेती के गुणों के आधार पर लोगों को यह खेती रास आती है| रोपण खेती की निम्न विशेषताएँ है —

  • बड़ी संपत्ति या रोपण
  • बड़े पूंजीगत निवेश
  • प्रबंधकीय और तकनीकी सहायता
  • खेती के वैज्ञानिक तरीके
  • एकल फसल विशेषज्ञता
  • सस्ते श्रम
  • परिवहन की एक अच्छी प्रणाली
  • उत्पादों के निर्यात के लिए कारखानों और बाजारों के लिए संपत्ति।