हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको रोपण कृषि के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
रोपण कृषि किसे कहते हैं?
उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में कि जाने वाली कृषि की वह विधि जो एक बडे भू-भाग मे उन्नति किस्म के बीजों, कीटनाशकों व आधुनिक कृषि यंत्रों के साथ एक निश्चित फसलों का उत्पादन बडे पैमाने पर व्यापारिक व निर्यात के उद्देश्यो की पूर्ति के लिए ही की जाती है। रोपण कृषि (plantation agriculture) कहलाती हैं।
रोपण कृषि की विशेषताएं
1-रोपण कृषि फार्मा या बागानों में की जाती है। अधिकांश बागानों पर विदेशी कंपनियों का अधिपत्य रहता है।
2-इसके अंतर्गत विशिष्ट उपजो-चाय, काफी ,रबड़ ,गन्ना आदि का ही उत्पादन किया जाता है।
3-उन कृषि उत्पादों का उपभोग समशीतोष्ण कटिबंध देशों के निवासियों द्वारा किया जाता है।
4-बागानों में ही कार्यालय, माल तैयार करने, सुखाने पैकिंग एवं श्रमिकों के निवास आदि होते हैं।
5-यहां अधिकांश तकनीक एवं वैज्ञानिक पद्धतियां समशीतोष्ण देश से आयात की गई है।
6-प्रारंभ में यूरोपियन द्वारा लगभग सभी महाद्वीपों में इस कृषि का विकास किया गया था।मलेशिया में रबड़ के बागान अंग्रेजों ने ब्राजील के हवा के बागान पुर्तगालियों ने तथा मध्य और दक्षिण अमेरिका देशों में केले की खेती स्पेन वासियों ने आरंभ की थी।
7-यहां के उत्पादन का उपभोग समशीतोष्ण कटिबंधीय देशों द्वारा किया जाता है। अधिकांश उत्पादों का निर्यात किया जाता है।इसलिए इन उपयोगी बागान तटीय क्षेत्रों अथवा पत्रों के पृष्ठ प्रदेश में स्थापित किए गए हैं।
9-उपनिवेश ओ की समाप्ति के साथ-साथ अब इन बागानों स्थानीय शासन का नियंत्रण हो गया है और कुछ परिवर्तनों के साथ अपने तरीके से रोपण कृषि के विस्तार में लगे हैं।