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सदाबहार वन और पर्णपाती वन में अंतर बताइए।

सदाबहार वन और पर्णपाती वन में अंतर बताइए।

सदाबहार वन और पर्णपाती वन दोनों ही विशिष्ट जलवायु परिस्थितियों और भूगोलिक स्थानों में पाए जाते हैं, और इनकी विशेषताएँ इनके पेड़ों की प्रजातियों, पत्तियों के गिरने के पैटर्न, और वार्षिक तापमान और वर्षा के चक्रों पर निर्भर करती हैं। यहाँ सदाबहार वन और पर्णपाती वन के बीच के मुख्य अंतरों का वर्णन किया जा रहा है:

उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन उस क्षेत्र में पाए जाते हैं जो सालाना 200 सेमी से अधिक वर्षा प्राप्त करता है और इसका तापमान 15-30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। उन्होंने पृथ्वी का सात प्रतिशत हिस्सा लिया है और दुनिया के आधे से अधिक जानवरों और पौधों को आश्रय प्रदान करते हैं।

सदाबहार वन (Evergreen Forests)

  1. पत्तियाँ: सदाबहार वनों के पेड़ों की पत्तियाँ पूरे वर्ष हरी रहती हैं। ये पेड़ अपनी पत्तियाँ एक समय में नहीं गिराते, बल्कि विभिन्न समय पर थोड़ी-थोड़ी पत्तियाँ गिराते रहते हैं।
  2. जलवायु: ये वन आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में पाए जाते हैं जहाँ वर्ष भर वर्षा होती है।
  3. जैव विविधता: सदाबहार वनों में जैव विविधता काफी अधिक होती है, और यहाँ विभिन्न प्रकार के जानवर, पक्षी, कीड़े, और अन्य जीव निवास करते हैं।
  4. सदाबहार वनों के बीच अत्यंत सघन, लंबे तथा सदेव हरे-भरे बने रहते हैं।
  5. इन वनों के वृक्षों के नीचे दलदल पाई जाती है। अतः इनमें प्रवेश करना कठिन होता है।
  6. इन वनों के वृक्षों के नीचे विषैले जीव जंतु पाए जाते हैं।
  7. यह वन महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय आदि क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
  8. उदाहरण: अमेज़न वर्षावन, कांगो बेसिन और साउथईस्ट एशिया के वर्षावन।

पर्णपाती वन की परिभाषा

एक प्रकार का जंगल जो पेड़ों पर हावी होता है जो सूखे मौसम में अपने पत्ते बहाते हैं, ताकि वे अपने आप को संक्रमण से बचा सकें। कई वन्यजीव प्रजातियों के लिए पर्णपाती वन महत्वपूर्ण निवास स्थान हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनके भोजन और आश्रय के लिए पेड़ों पर निर्भर करते हैं।

पर्णपाती वन (Deciduous Forests)

  1. पत्तियाँ: पर्णपाती वनों के पेड़ एक विशेष मौसम में अपनी सभी पत्तियाँ गिरा देते हैं, आमतौर पर शरद ऋतु में, और वसंत में फिर से नई पत्तियाँ उग आती हैं।
  2. जलवायु: ये वन समशीतोष्ण जलवायु में पाए जाते हैं, जहाँ स्पष्ट ऋतुचक्र होते हैं - एक गर्म ग्रीष्मकाल, एक ठंडा शीतकाल, और मौसमी वर्षा।
  3. जैव विविधता: पर्णपाती वनों में भी अच्छी खासी जैव विविधता होती है, लेकिन सदाबहार वनों की तुलना में कम होती है। यहाँ के जीवनरूप ऋतुचक्र के अनुकूल होते हैं।
  4. पर्णपाती वनों के वृक्ष कम घने, अपेक्षाकृत छोटे तथा ग्रीष्म ऋतु के आरंभ में अपनी पत्तियां गिरा देते हैं।
  5. इन वनों के वृक्षों के नीचे दलदल नहीं पाई जाती है। अतः इन वनों में सरलता से प्रवेश किया जा सकता है।
  6. इन वनों के वृक्षों के नीचे जंगली पशु स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं।
  7. यह वन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान आदि राज्यों में पाए जाते हैं।
  8. उदाहरण: पूर्वी उत्तर अमेरिका, यूरोप, और पूर्वी एशिया के पर्णपाती वन।

मुख्य अंतर

  • पत्तियों की गिरावट: सदाबहार पेड़ों की पत्तियाँ पूरे वर्ष हरी रहती हैं, जबकि पर्णपाती पेड़ विशेष ऋतु में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।
  • जलवायु: सदाबहार वन उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में पाए जाते हैं, जबकि पर्णपाती वन समशीतोष्ण जलवायु में होते हैं।
  • जैव विविधता: सदाबहार वनों में जैव विविधता आमतौर पर पर्णपाती वनों की तुलना में अधिक होती है।

ये विभिन्न विशेषताएँ इन दोनों प्रकार के वनों को विशेष और महत्वपूर्ण बनाती हैं, प्रत्येक अपने तरीके से पारिस्थितिकी तंत्र और वैश्विक जलवायु के लिए योगदान देता है।