हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको सौर ऊर्जा के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
सौर ऊर्जा (solar energy)
सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा ही सौर ऊर्जा का स्त्रोत है। सूर्य प्रति वर्ग मीटर लगभग 63.11 mw ऊर्जा का उत्सर्जन करता है जो कि पृथ्वी की कुल प्राथमिक ऊर्जा की आवश्यकता के बराबर है। पृथ्वी की सतह पर सौर विकिरणों (radiations) का मान एक समान नहीं रहता क्योंकि समय के साथ इसकी दूरी बदलती रहती है।
जिसके कारण वर्ष भर समान विकिरणे प्राप्त नहीं हो पाती है। सौर ऊर्जा का उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए होता है जैसे- घरों को गर्म या ठंडा करना, पानी को गर्म करना, कृषि उत्पादन से प्राप्त अनाजों को सुखाना। इसके अलावा समुद्र के पानी को वाष्प बनाकर नमक प्राप्त करना। सौर ऊर्जा से पानी खींचने के पम्प को चलाना, विद्युत शक्ति का उत्पादन करना, सौर ऊर्जा द्वारा सोलर कुकर की मदद से खाना पकाना आदि।
सौर ऊर्जा के अनुप्रयोग
- सौर ऊर्जा का उपयोग अशुद्ध जल को शुद्ध जल में बदलने के लिए किया जा सकता है। इस हेतु जो यंत्र काम में लिया जाता उसे सोलर बकयंत्र कहते हैं। इस यंत्र द्वारा घरों में पीने योग्य शुद्ध पानी को तैयार किया जा सकता है।
- सौर वायु ऊष्मकों को अनाज सुखाने, फल तथा सब्जी सुखाने, लकड़ी सुखाने, रासायनिक पदार्थों को सुखाने, घरों को सर्दी में गर्म रखने आदि कई कामों में लाया जाता है।किसी भी पदार्थ को सुखाने के लिए सबसे पहले ऊष्मा को उस पदार्थ की सतह तक लाया जाता है और उस पदार्थ द्वारा तापीय ऊर्जा शोषित की जाती है तो उसमें उपस्थित नमी धीरे-धीरे वाष्प में परिवर्तित होने लगती है। सतह से वाष्पीकरण होने से उस सतह पर पानी की मात्रा उसके अंदर वाली मात्रा से कम हो जाती है। इस प्रकार पदार्थ के अन्दर से पानी धीरे-धीरे सतह पर आकर वाष्पित होने लगता है और कुछ समय के बाद सारा पदार्थ सूख जाता है।
- सौर ऊर्जा के द्वारा सोलर कूकर की सहायता से खाना पकाया जाता है।
- सौर ऊर्जा द्वारा इमारतों को गर्म किया जा सकता है।
- विद्युत शक्ति उत्पादन करने में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।
- समुद्र के पानी को वाष्प बनाकर नमक प्राप्त करने में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।