हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको परमाणु की संरचना के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
पदार्थों में आवेशित कण
19 वीं शताब्दी तक यह स्पष्ट हो गया कि परमाणु अविभाज्य नहीं है। बल्कि परमाणु में आवेशित कण अर्थात अवपरमाणुक कण (sub atomic particles) विद्यमान हैं।
परमाणु तीन सब–एटॉमिक कणों से मिलकर बना है, ये कण हैं: इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन। ये सब एटॉमिक पार्टिकल [(Sub Atomic Particles(अवपरमाणुक कण)] कहलाते हैं।
अवपरमाणुक कण [सब एटॉमिक कण(Sub Atomic Particles)]
इलेक्ट्रॉन (Electron) : इलेक्ट्रॉन को अंग्रेजी के अक्षर ee से निरूपित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन पर एक ऋणात्मक आवेश होता है तथा इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान बहुत ही कम होने के कारण शून्य माना जाता है। इलेक्ट्रॉन पर ऋणात्मक आवेश होने के कारण इसे e−e- से निरूपित किया जाता है।
इलेक़्ट्रॉन का संकेत: e−e-
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान : 9.109×10−319.109×10-31
इलेक्ट्रॉन का सापेक्ष द्रव्यमान : 11836≈011836≈0 [चूँकि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान काफी कम है, अत: इसे नगण्य मानकर शून्य माना जाता है। ]
इलेक्ट्रॉन पर आवेश : इलेक्ट्रॉन पर एवशाल्यूट आवेश =−1.6×10−19=-1.6×10-19 है।
इलेक्ट्रॉन पर सापेक्ष आवेश : −1-1
इलेक्ट्रॉन के पाये जाने का स्थान: परमाणु की कक्षाओं में
इलेक्ट्रॉन की खोज
जेo जेo थॉमसन, जो एक ब्रिटिश भौतिकशास्त्री थे ने वर्ष 1897 में इलेक्ट्रॉन की खोज की थी। उन्होंने बताया कि परमाणु में कम से कम एक ऋणआवेशित कण है, जिसे उन्होनें “कॉर्प्सकल्स (corpuscles)” नाम दिया। इसे बाद में चलकर इलेक्ट्रॉन नाम दिया गया।
प्रोटॉन (Proton) : प्रोटॉन को अंग्रेजी के अक्षर pp से निरूपित किया जाता है। प्रोटॉन पर एक धनात्मक आवेश होता है तथा प्रोटॉन का सापेक्ष द्रव्यमान 1 के बराबर होता है। चूँकि प्रोटॉन पर एक धनात्मक आवेश होता है, अत: प्रोटॉन को p+p+ से निरूपित किया जाता है।
प्रोटॉन का संकेत: p+p+
प्रोटॉन का द्रव्यमान : 1.673×10−271.673×10-27 kg
प्रोटॉन का सापेक्ष द्रव्यमान : 11
प्रोटॉन पर आवेश : इलेक्ट्रॉन पर एवशाल्यूट आवेश =1.6×10−19=1.6×10-19 कूलॉम (Coulomb) है।
प्रोटॉन पर सापेक्ष आवेश : +1+1
प्रोटॉन के पाये जाने का स्थान: परमाणु की नाभिक में
प्रोटॉन की खोज
ईo गोल्डस्टीन, वर्ष 1886 में, परमाणु की खोज होने से पहले ही, एक नए विकिरण की खोज की, जिसे उन्होंने “केनाल रे” कहा। ये “केनाल रे” धनावेशित किरणें थीं, जिसके द्वारा बाद में प्रोटॉन का नाम दिया गया। इन कणों का आवेश इलेक्ट्रॉन के बराबर किंतु विपरीत था। इनका द्रव्यमान इलेक्ट्रॉनों की अपेक्षा लगभग 2000 गुणा अधिक होता है।
न्यूट्रॉन (Neutron): न्यूट्रॉन को अंग्रेजी के अक्षर nn से निरूपित किया जाता है। न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है तथा न्यूट्रॉन का सापेक्ष द्रव्यमान 1 के बराबर होता है।
न्यूट्रॉन का संकेत: nn
न्यूट्रॉन का द्रव्यमान : 1.673×10−271.673×10-27 kg
न्यूट्रॉन का सापेक्ष द्रव्यमान : 11
न्यूट्रॉन पर आवेश : इलेक्ट्रॉन पर एवशाल्यूट आवेश 00 कूलॉम (Coulomb) है।
न्यूट्रॉन पर सापेक्ष आवेश : 00
न्यूट्रॉन के पाये जाने का स्थान: परमाणु की नाभिक में
न्यूट्रॉन की खोज
जेo चैडविक, वर्ष 1932 में एक और सब एटॉमिक कण को खोज निकाला। चूँकि इस सब एटॉमिक कण पर कोई आवेश नहीं था, अर्थात न्यूट्रल था, इसलिये इसका नाम न्यूट्रॉन रखा गया। न्यूट्रॉन की खोज इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की खोज के काफी बाद की गई। न्यूट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन के द्रव्यमान के बराबर होता है, तथा यह परमाणु के नाभिक अर्थात केन्द्रक (Nucleus) में रहता है।
बिना न्यूट्रॉन के परमाणु – हाइड्रोजन
सभी तत्व के परमाणु इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन से बने होते हैं, दूसरे शब्दों में इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन सभी परमाणुओं में होते हैं। इस कणों को सब एटॉमिक कण या अवपरमाणुक कहा जाता है। इन तीनों सब एटॉमिक कणों में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन परमाणु के केन्द्रक में होते हैं तथा इलेक्ट्रॉन इस केन्द्रक के चारों तरफ घूमते हैं। परंतु हाइड्रोजन एक ऐसा तत्व है, जिसमें न्यूट्रॉन नहीं होता है। हाइड्रोज़न परमाणु के केन्द्रक में मात्र प्रोटॉन होता है, तथा उसके बाह इलेक्ट्रॉन होता है, न्यूट्रॉन नहीं होता।
परमाणु की संरचना
इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की खोज के बाद डाल्टन का परमाणु सिद्धांत जिसके अनुसार परमाणु अविभाज्य तथा अविनाशी था, गलत साबित हो गया। इसके बाद इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की परमाणु के अंदर संरचना तथा व्यवस्था के बारे में कई मॉडल प्रस्तुत किये गये।
जेo जेo टॉमसन पहले वैज्ञाणिक थे, जिन्होनें परमाणु संरचना से संबंधित पहला मॉडल प्रतुत किया।