हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको सुनामी के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
सुनामी क्या है?
'सुनामी' जापानी मूल का शब्द है जो 'सु' तथा 'नामी' के संयोग से बना है। इसमें 'सु' का अर्थ बंदरगाह तथा 'नामी' का अर्थ लहरें हैं। अतः सुनामी बंदरगाह की ओर प्रवाहित होने वाली समुद्री लहरें हैं। इन विनाशकारी लहरों की उत्पत्ति भूकंप, ज्वालामुखी जा भूस्खलन से समुंद्र जल में ऊर्ध्वाधर हलचल उत्पन्न होने के कारण होती है।
इस फोटो के माध्यम से आपको पता चल सकता है कि सुनामी इस प्रकार आती है।
सुनामी की विशेषताएं
- सुनामी समुद्र की अनगिनत लहरों का श्रृंखलाबद्ध समूह है।
- लहरों की ऊंचाई सदा एक समान नहीं होती। कभी कभी इनकी ऊंचाई 15 मीटर से भी अधिक होती है।
- यह समुद्र तट को पार कर सैकड़ों की में अंदर तक प्रवेश कर सकती हैं।
- तटीय मैदानों में सुनामी की गति 50 किमी प्रति घंटा से भी अधिक हो सकती है।
- सुनामी दिन अथवा रात कभी भी उत्पन्न हो सकती है। यह अत्यंत विशालकाय एवं विनाशकारी होती है।
- सुनामी समुद्र से मिलने वाली नदियों और जल धाराओं में पहुंचकर उनमें उफान पैदा कर सकती है।
- सुनामी लहरें एक के बाद एक आती है। प्रायः सुनामी की प्रथम लहर सबसे विशाल नहीं होती। पहली लहर के बाद इनका खतरा कहीं घंटों तक बना रहता है।
- सुनामी के कारण समुद्र तट का पानी घट जाता है और समुद्र तल नजर आने लगता है। ऐसा सुनामी आने से पहले घटित होता है। अतः इसे प्रकृति की ओर से सुनामी की चेतावनी समझकर सुरक्षा उपाय शुरू कर देना चाहिए।
सुनामी के प्रभाव
सुनामी समुद्र तटीय क्षेत्रों में विध्वंस के लिए विख्यात है। इनका दुष्प्रभाव लंबे समय तक क्षेत्र विशेष को प्रभावित करता है। सुनामी प्रभावित क्षेत्रों में भवन, सड़कें, संचार साधन, परिवहन एवं अन्य आवश्यक सेवाएं और संसाधन नष्ट हो जाते हैं।इन समुद्री लहरों द्वारा तटीय क्षेत्र पूरी तरह नष्ट हो जाता है।क्योंकि इनकी विध्वंस शक्ति समुद्री तटों की और प्रवाह के समय बहुत अधिक हो जाती है।
इसका प्रमुख कारण इन लहरों का समुद्री तट की और तेज गति से चलना और लगातार इनकी आवृत्ति बना रहता है। तट के निकट आने पर इन लहरों की ऊंचाई 15 मीटर या अधिक हो जाती है। तेज गति से लहरें टकराने के कारण भौतिक संरचनाओं की क्षति होती है तथा तेज वेग से ही पानी के वापस लौटने की समय मानव, पशु या अन्य पदार्थ जल के साथ समुद्र में पहुंचकर नष्ट हो जाते हैं।