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सुनामी का अर्थ क्या है?

सुनामी का अर्थ क्या है?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको सुनामी के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो। 

सुनामी का अर्थ

'सुनामी' जापानी मूल का शब्द है जो 'सु' तथा 'नामी' के सहयोग से बना है। इसमें 'सु' का अर्थ लहरें हैं। अतः सुनामी बंदरगाह की ओर प्रवाहित होने वाले समुद्री लहरें हैं। विनाशकारी लहरों की उत्पत्ति भूकंप, ज्वालामुखी या भूस्खलन समुद्र जल में ऊर्ध्वाधर हल-चल उत्पन्न होने के कारण होती है।

सुनामी की विशेषताएं

  1. सुनामी समुद्र की अनगिनत लहरों का श्रृंखलाबद्ध समूह है।
  2. इन लहरों की ऊंचाई सदा एक समान नहीं होती। कभी-कभी इनकी ऊंचाई 15 मीटर से भी अधिक होती है।
  3. यह समुद्र तट को पार कर सैकड़ों कि मैं अंदर तक प्रवेश कर सकती है।
  4. सुनामी दिन अथवा रात कभी भी उत्पन्न हो सकती है। यह अत्यंत विशालकाय एवं विनाशकारी होती है।
  5. सुनामी के कारण समुद्र तट का पानी घट जाता है और समुद्रतल नजर आने लगता है। ऐसा सुनामी आने से पहले घटित होता है। तो इसी प्रकृति की ओर से सुनामी की चेतावनी समझकर सुरक्षा उपाय शुरू कर देनी चाहिए।

भूकंप से सूनामी लहरें कैसे उठती हैं?

देखिए जब कभी भीषण भूकंप की वजह से समुद्र की ऊपरी परत अचानक खिसक कर आगे बढ़ जाती है तो समुद्र अपनी समांतर स्थिति में ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है।

जो लहरें उस वक़्त बनती हैं वो सूनामी लहरें होती हैं. इसका एक उदाहरण ये हो सकता है कि धरती की ऊपरी परत फ़ुटबॉल की परतों की तरह आपस में जुड़ी हुई है या कहें कि एक अंडे की तरह से है जिसमें दरारें हों।

देखिए जब कभी भीषण भूकंप की वजह से समुद्र की ऊपरी परत अचानक खिसक कर आगे बढ़ जाती है तो समुद्र अपनी समांतर स्थिति में ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है।

अंडे का खोल सख़्त होता है लेकिन उसके भीतर का पदार्थ लिजलिजा और गीला होता है भूकंप के असर से ये दरारें चौड़ी होकर अंदर के पदार्थ में इतनी हलचल पैदा करती हैं कि वो तेज़ी से ऊपर की तरफ का रूख़ कर लेता है।

धरती की परतें भी जब किसी भी असर से चौड़ी होती हैं तो वो खिसकती हैं जिसके कारण महाद्वीप बनते हैं. तो इस तरह ये सूनामी लहरें बनती हैं।

लेकिन ये भी ज़रूरी नहीं कि हर भूकंप से सूनामी लहरें बने. इसके लिए भूकंप का केंद्र समुद्र के अंदर या उसके आसपास होना ज़रूरी है।

सुनामी के प्रभाव

सुनामी समुद्र तटीय क्षेत्रों में विध्वंस के लिए विख्यात है। इनका दुष्प्रभाव लंबे समय तक क्षेत्र विशेष को प्रभावित करता है। सुनामी प्रभावित क्षेत्रों में भवन, सड़कें, संचार साधन, परिवहन एवं अन्य आवश्यक सेवाएं और संसाधन नष्ट हो जाते हैं।इन समुद्री लहरों द्वारा तटीय क्षेत्र पूरी तरह नष्ट हो जाता है।

क्योंकि इनकी विध्वंस शक्ति समुद्री तटों की और प्रवाह के समय बहुत अधिक हो जाती है। इसका प्रमुख कारण इन लहरों का समुद्री तट की और तेज गति से चलना और लगातार इनकी आवृत्ति बना रहता है। तट के निकट आने पर इन लहरों की ऊंचाई 15 मीटर या अधिक हो जाती है। तेज गति से लहरें टकराने के कारण भौतिक संरचनाओं की क्षति होती है तथा तेज वेग से ही पानी के वापस लौटने की समय मानव, पशु या अन्य पदार्थ जल के साथ समुद्र में पहुंचकर नष्ट हो जाते हैं।