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स्वपोषी तथा विषमपोषी में अंतर क्या है?

स्वपोषी तथा विषमपोषी में अंतर क्या है?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको स्वपोषी तथा विषमपोषी में अंतर के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

स्वपोषी (Autotrophs) और विषमपोषी (Heterotrophs) दो प्रकार के जीव होते हैं जो अपने भोजन को प्राप्त करने और ऊर्जा का उपयोग करने की उनकी क्षमता के आधार पर परिभाषित होते हैं। इनके बीच का अंतर उनके पोषण स्रोतों में होता है।

स्वपोषी (Autotrophs)

स्वपोषी वे जीव होते हैं जो अपना भोजन स्वयं बना सकते हैं। वे अकार्बनिक पदार्थों से कार्बनिक पदार्थों का संश्लेषण करते हैं, जिससे वे ऊर्जा प्राप्त करते हैं। स्वपोषी दो प्रकार के होते हैं - प्रकाश संश्लेषी (Photosynthetic) और केमोसिन्थेटिक (Chemosynthetic)

  1. प्रकाश संश्लेषी स्वपोषी - ये सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके अपना भोजन बनाते हैं। उदाहरण के लिए, पौधे, कुछ जलीय जीवाणु और शैवाल
  2. केमोसिन्थेटिक स्वपोषी - ये रासायनिक प्रतिक्रियाओं से ऊर्जा प्राप्त करके अपना भोजन बनाते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ जीवाणु जो सल्फर या आयरन जैसे तत्वों को ऑक्सीडाइज करके ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

विषमपोषी (Heterotrophs)

विषमपोषी वे जीव होते हैं जो अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते और अपनी ऊर्जा और पोषण के लिए अन्य जीवों पर निर्भर रहते हैं। विषमपोषी भी दो प्रकार के होते हैं - संवर्धक (Consumers) और अपघटक (Decomposers)

  1. संवर्धक - ये जीवित जीवों का भोजन करते हैं। उदाहरण के लिए, जानवर, मनुष्य, और कुछ प्रकार के शैवाल।
  2. अपघटक - ये मृत जीवों और अपशिष्ट पदार्थों को अपघटित करके उनसे पोषण प्राप्त करते हैं। उदाहरण के लिए, कवक और जीवाणु

मुख्य अंतर

  • पोषण स्रोत - स्वपोषी अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, जबकि विषमपोषी दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं।
  • ऊर्जा प्राप्ति - स्वपोषी सूर्य की ऊर्जा या रासायनिक प्रतिक्रियाओं से ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जबकि विषमपोषी अन्य जीवों से प्राप्त कार्बनिक पदार्थों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
  • भूमिका और महत्व- स्वपोषी पारिस्थितिकी तंत्र में प्राथमिक उत्पादक होते हैं, जबकि विषमपोषी ऊर्जा को संचारित करने और जैविक पदार्थों को अपघटित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस प्रकार, स्वपोषी और विषमपोषी के बीच का अंतर उनके भोजन बनाने की प्रक्रिया, ऊर्जा प्राप्ति के तरीके, और पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका के आधार पर होता है।