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उपसर्ग क्या है?

उपसर्ग क्या है?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको उपसर्ग के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

उपसर्ग की परिभाषा

उपसर्ग उस शब्दांश या अव्यय को कहते है, जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है।दूसरे शब्दों में- ''उपसर्ग वह शब्दांश या अव्यय है, जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में (मूल शब्द के अर्थ में) विशेषता ला दे या उसका अर्थ ही बदल दे।'' वे उपसर्ग कहलाते है।

जैसे- प्रसिद्ध, अभिमान, विनाश, उपकार।
इनमे कमशः 'प्र', 'अभि', 'वि' और 'उप' उपसर्ग है।

यह दो शब्दों (उप+ सर्ग) के योग से बनता है। 'उप' का अर्थ 'समीप', 'निकट' या 'पास में' है। 'सर्ग' का अर्थ है सृष्टि करना। 'उपसर्ग' का अर्थ है पास में बैठाकर दूसरा नया अर्थवाला शब्द बनाना। 'हार' के पहले 'प्र' उपसर्ग लगा दिया गया, तो एक नया शब्द 'प्रहार' बन गया, जिसका नया अर्थ हुआ 'मारना' । उपसर्गो का स्वतन्त्र अस्तित्व न होते हुए भी वे अन्य शब्दों के साथ मिलाकर उनके एक विशेष अर्थ का बोध कराते हैं।

उपसर्ग उस शब्दांश या अव्यय को कहते है, जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ प्रकट करता है।दूसरे शब्दों में- ''उपसर्ग वह शब्दांश या अव्यय है,

उपसर्ग शब्द के पहले आते है। जैसे- 'अन' उपसर्ग 'बन' शब्द के पहले रख देने से एक शब्द 'अनबन 'बनता है, जिसका विशेष अर्थ 'मनमुटाव' है। कुछ उपसर्गो के योग से शब्दों के मूल अर्थ में परिवर्तन नहीं होता, बल्कि तेजी आती है। जैसे- 'भ्रमण' शब्द के पहले 'परि' उपसर्ग लगाने से अर्थ में अन्तर न होकर तेजी आयी। कभी-कभी उपसर्ग के प्रयोग से शब्द का बिलकुल उल्टा अर्थ निकलता है।

उपसर्ग की विशेषता

उपसर्ग की तीन गतियाँ या विशेषताएँ होती हैं-
(1) शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना।
जैसे- प्र + बल= प्रबल
अनु + शासन= अनुशासन

(2) शब्द के अर्थ को उलट देना।
जैसे- अ + सत्य= असत्य
अप + यश= अपयश

(3) शब्द के अर्थ में, कोई खास परिवर्तन न करके मूलार्थ के इर्द-गिर्द अर्थ प्रदान करना।
जैसे- वि + शुद्ध= विशुद्ध
परि + भ्रमण= परिभ्रमण

उपसर्ग की संख्या

हिंदी में प्रचलित उपसर्गो को निम्नलिखित भागो में विभाजित किया जा सकता है-
(1) संस्कृत के उपसर्ग
(2) हिंदी के उपसर्ग
(3) उर्दू के उपसर्ग
(4) अंग्रेजी के उपसर्ग
(5) उपसर्गवत् अव्यय, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण

संस्कृत के उपसर्ग

क्रम उपसर्ग अर्थ शब्द
1 अति अधिक अत्यधिक, अत्यंत, अतिरिक्त, अतिशय
2 अधि ऊपर, श्रेष्ठ अधिकार, अधिपति, अधिनायक
3 अनु पीछे, समान अनुचर, अनुकरण, अनुसार, अनुशासन
4 अप बुरा, हीन अपयश, अपमान, अपकार
5 अभि सामने, चारों ओर, पास अभियान, अभिषेक, अभिनय, अभिमुख
6 अव हीन, नीच अवगुण, अवनति, अवतार, अवनति
7 तक, समेत आजीवन, आगमन
8 उत् ऊँचा, श्रेष्ठ, ऊपर उद्गम, उत्कर्ष, उत्तम, उत्पत्ति
9 उप निकट, सदृश, गौण उपदेश, उपवन, उपमंत्री, उपहार
10 दुर् बुरा, कठिन दुर्जन, दुर्गम, दुर्दशा, दुराचार
11 दुस् बुरा, कठिन दुश्चरित्र, दुस्साहस, दुष्कर
12 निर् बिना, बाहर, निषेध निरपराध, निर्जन, निराकार, निर्गुण
13 निस् रहित, पूरा, विपरित निस्सार, निस्तार, निश्चल, निश्चित
14 नि निषेध, अधिकता, नीचे निवारण, निपात, नियोग, निषेध
15 परा उल्टा, पीछे पराजय, पराभव, परामर्श, पराक्रम
16 परि आसपास, चारों तरफ परिजन, परिक्रम, परिपूर्ण, परिणाम
17 प्र अधिक, आगे प्रख्यात, प्रबल, प्रस्थान, प्रकृति
18 प्रति उलटा, सामने, हर एक प्रतिकूल, प्रत्यक्ष, प्रतिक्षण, प्रत्येक
19 वि भिन्न, विशेष विदेश, विलाप, वियोग, विपक्ष
20 सम् उत्तम, साथ, पूर्ण संस्कार, संगम, संतुष्ट, संभव
21 सु अच्छा, अधिक सुजन, सुगम, सुशिक्षित, सुपात्र