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औद्योगिक क्रांति से क्या अभिप्राय है?

औद्योगिक क्रांति से क्या अभिप्राय है?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको औद्योगिक क्रांति के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

औद्योगिक क्रांति का अर्थ

औद्योगिक क्रांति से आशय उद्योगों की प्राचीन, परंपरागत और धीमी गति को छोड़कर,नई वैज्ञानिक तथा तीव्र गति से उत्पादन करने वाले यंत्रों व मशीनों का प्रयोग किया जाना है। यह क्रांति उन महान परिवर्तनों की द्योतक है जो औद्योगिक प्रणाली के अंतर्गत हुए। इस प्रकार उत्पादन के साधनों में अमूल-चूल परिवर्तन हो जाना ही औद्योगिक क्रांति है।

वास्तव में औद्योगिक क्रांति से आशय उस क्रांति से लगाया जाता है जिसने 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में उत्पादन की तकनीक और संगठन में आश्चर्यजनक परिवर्तन कर दिए। यह परिवर्तन इतने प्रभावी और द्रुत गति से हुए कि इससे क्रांति कहा जाता है। औद्योगिक क्रांति ने बड़े पैमाने के उद्योगों का सूत्रपात किया इस क्रांति का श्रीगणेश इंग्लैंड से ही हुआ।

औद्योगिक क्रांति के मुख्य तत्व

  1. मशीनीकरण - क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण पहलू मशीनीकरण था, जिसने हाथ से काम करने की प्रथाओं को मशीनों द्वारा उत्पादन में बदल दिया। इससे उत्पादन की गति और मात्रा में भारी वृद्धि हुई।
  2. कारखाना प्रणाली - उत्पादन की प्रक्रिया केंद्रीकृत हो गई, जहां श्रमिक और मशीनें एक ही स्थान पर इकट्ठा होती थीं, जिसे कारखाना कहा जाता था।
  3. परिवहन का विकास - रेलवे और स्टीम शिप के विकास ने माल और लोगों के परिवहन को तेज और सस्ता बना दिया, जिससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिला।
  4. ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन - कोयले और भाप के इंजन ने पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे कि पानी और पशुबल की जगह ली, जिससे उद्योगों को अधिक ऊर्जा मिली।
  5. नवाचार और आविष्कार - इस काल में कई महत्वपूर्ण आविष्कार हुए, जैसे कि जेम्स वाट का भाप का इंजन, एलियास होव की सिलाई मशीन, और एडमंड कार्टराइट का पावरलूम।

औद्योगिक क्रांति के प्रभाव

  1. आर्थिक प्रगति - औद्योगिक क्रांति ने उत्पादन क्षमता में वृद्धि की, जिससे आर्थिक विकास और धन का सृजन हुआ।
  2. शहरीकरण - कारखानों के आसपास नए शहरों का निर्माण हुआ, जिससे लोगों ने ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन किया।
  3. सामाजिक परिवर्तन - श्रमिक वर्ग का उदय हुआ, और सामाजिक असमानताओं में वृद्धि हुई साथ ही, श्रमिक आंदोलन और ट्रेड यूनियनों का जन्म हुआ।
  4. पर्यावरणीय प्रभाव - औद्योगिकीकरण ने पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव डाला, जैसे कि प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन।

औद्योगिक क्रांति ने मानव सभ्यता की दिशा को बदल दिया और आधुनिक औद्योगिक समाज की नींव रखी। इसने न केवल उत्पादन और प्रौद्योगिकी में क्रांति की, बल्कि सामाजिक और आर्थिक ढांचों में भी गहरे परिवर्तन किए।