किसी माध्यम की निरपेक्ष विद्युतशीलता तथा वायु या निर्वात की विद्युतशीलता की निष्पत्ति को उस माध्यम का परावैद्युतांक कहते हैं।
वह पदार्थ जो अपने में से विद्युत धारा को प्रवाहित नहीं होने देते हैं, लेकिन विद्युत प्रभाव दर्शाते हैं, परावैद्युत पदार्थ को कहलाते हैं। इनमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या लगभग नहीं होती हैं। उदाहरण के लिए, एबोनाइट, कांच, मोम, कागज, तेल, माइका आदि परावैद्युत पदार्थ है। ये पदार्थ विद्युतरोधी होते हैं, जो बाहरी विद्युत क्षेत्र में रखे जाने पर ध्रुवीत (polarised) हो जाते हैं।
माध्यम का परावैद्युतांक K = ε/ε₀
जहां ε (एप्साइलोन) उस माध्यम की निरपेक्ष विद्युतशीलता है तथा ε₀ (एप्साइलोन जीरो) वायु या निर्वात की विद्युतशीलता है। स्पष्ट है कि परावैद्युतांक राशि है। इसका कोई मात्रक नहीं होता है। कभी कभी परावैधुतांक को आपेक्षिक विद्युतशीलता (relative permittivity) भी कहते हैं तथा इसे अक्षर εᵣ से प्रदर्शित करते हैं।
पदार्थों के कुछ परावैद्युतांक मान
पदार्थ | परावैद्युतांक मान |
एबोनाइट | 2.8 |
कांच | 5.1 |
अम्बर | 2.8 |
अभ्रक | 5.9 |
मोम | 2.15 |
वायु | 1.0 |
मिट्टी का तेल | 2.0 |
पानी | 81.0 |
परावैद्युत के प्रकार
परावैद्युत निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं।
ध्रुवीय परावैद्युत
वे पदार्थ जिनके अणुओं के धनावेशो का केंद्र तथा ऋणावेश का केंद्र संपाती नहीं होता है, ध्रुवीय परावैद्युत कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, H₂O, HCI आदि ध्रुवीय परावैद्युत है। इनका प्रत्येक अणु एक विद्युत द्विध्रुव की भांति व्यवहार करता है।
अध्रुवीय परावैद्युत
वह पदार्थ जिनके अंगों के धनावेशों का केंद्र तथा ऋणावेश का केंद्र संपाती होता है, अध्रुवीय परावैद्युत कहलाते हैं। उदाहरण के लिए H₂, O₂, CO₂, N₂ आदि अध्रुवीय परावैद्युत है। इनके प्रत्येक अणु का एक द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है।
उपयोगिता:
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कैपेसिटर्स में प्रयोग: परावैद्युतांक का मूल्य बताता है कि किसी कैपेसिटर की क्षमता (कैपेसिटेंस) को कितना बढ़ाया जा सकता है जब इसके प्लेट्स के बीच में वैक्यूम के स्थान पर डायलेक्ट्रिक मटेरियल का उपयोग किया जाए।
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इलेक्ट्रॉनिक और विद्युत उपकरणों में: डायलेक्ट्रिक मटेरियल्स का चयन करते समय परावैद्युतांक का मूल्य महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उपकरण के प्रदर्शन और क्षमता पर प्रभाव डालता है।
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इंसुलेशन मटेरियल के रूप में: विभिन्न डायलेक्ट्रिक मटेरियल्स का परावैद्युतांक उनकी इंसुलेशन क्षमता को निर्धारित करता है, जिससे उनका उपयोग विद्युत इंसुलेशन में किया जा सकता है।
परावैद्युतांक का मूल्य डायलेक्ट्रिक मटेरियल के प्रकार, तापमान, और विद्युत क्षेत्र की आवृत्ति पर निर्भर करता है। इसके माध्यम से, विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की डिजाइन और कार्यक्षमता में सुधार किया जा सकता है।
ध्रुवीय परावैद्युत व अध्रुवीय परावैद्युत ध्रुवण
जब अध्रुवीय परावैद्युत को बाहरी विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है, तो धनावेश का केंद्र विद्युत क्षेत्र की दिशा में तथा ऋणावेश का केंद्र, विद्युत क्षेत्र की दिशा के विपरित, थोड़ा सा विस्थापित हो जाता है। जिससे प्रत्येक अणु में कुछ द्विध्रुव आघूर्ण प्रेरित हो जाता है। इसे परावैद्युत ध्रुवण कहते हैं। एक बात ध्यान देने योग्य है कि परावैद्युत माध्यम सदैव विद्युत उदासीन होता है, चाहे वह ध्रुवीय हो या अध्रुवीय हो।