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कार्बन प्रतिरोध का वर्ण कोड क्या है?

कार्बन प्रतिरोध का वर्ण कोड क्या है?

इलेक्ट्रॉनिक परिपथ में प्रायः कार्बन प्रतिरोध उपयोग में लाये जाते हैं जिनका प्रतिरोध बहुत ज्यादा परास में बदलता है। अतः इनके प्रतिरोध के मान को प्रदर्शित करने के लिए वर्ड कोड यानी रंग परिपाटी को उपयोग में लाते हैं।

कार्बन प्रतिरोधकों (Carbon Resistors) के मूल्य और सहनशीलता को पहचानने के लिए वर्ण कोडिंग प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रणाली आमतौर पर चार, पांच, या छह रंगीन पट्टियों के रूप में होती है जो प्रतिरोधक के बाहरी सतह पर लगाई जाती हैं। प्रत्येक रंग किसी विशिष्ट मान या सहनशीलता को दर्शाता है।

चार-पट्टी वर्ण कोड सिस्टम

  1. पहली दो पट्टियाँ प्रतिरोधक के मूल्य के पहले दो अंकों को दर्शाती हैं।
  2. तीसरी पट्टी गुणक (Multiplier) को दर्शाती है।
  3. चौथी पट्टी सहनशीलता (Tolerance) का प्रतिशत दर्शाती है।

पांच-पट्टी वर्ण कोड सिस्टम

  1. पहली तीन पट्टियाँ प्रतिरोधक के मूल्य के पहले तीन अंकों को दर्शाती हैं।
  2. चौथी पट्टी गुणक को दर्शाती है।
  3. पांचवीं पट्टी सहनशीलता का प्रतिशत दर्शाती है।

छह-पट्टी वर्ण कोड सिस्टम

  1. पहली पांच पट्टियाँ उपरोक्त पांच-पट्टी सिस्टम के समान होती हैं।
  2. छठी पट्टी तापमान गुणांक (Temperature Coefficient) को दर्शाती है।

रंग कोड मान

  • काला: 0
  • भूरा: 1
  • लाल: 2
  • नारंगी: 3
  • पीला: 4
  • हरा: 5
  • नीला: 6
  • बैंगनी: 7
  • ग्रे: 8
  • सफेद: 9
  • सोना: गुणक 0.1, सहनशीलता ±5%
  • चांदी: गुणक 0.01, सहनशीलता ±10%
  • कोई रंग नहीं: सहनशीलता ±20%

इस प्रकार, कार्बन प्रतिरोधकों का वर्ण कोड उनके मूल्य, गुणक, सहनशीलता, और कभी-कभी तापमान गुणांक को समझने का एक मानक तरीका प्रदान करता है।

उदाहरण - मान लीजिए एक प्रतिरोधक पर चार बैंड हैं: भूरा, काला, लाल, और सोना। इसका मतलब होगा

  • पहला बैंड (भूरा) = 1
  • दूसरा बैंड (काला) = 0
  • तीसरा बैंड (लाल) = 10² (100)
  • चौथा बैंड (सोना) = सहिष्णुता ±5%

कार्बन प्रतिरोध का वर्ण कोड ज्ञात करें

कार्बन प्रतिरोध प्रायः चार विभिन्न रंगों की धारियां A, B, C और D पड़ी होती है। प्रथम दो धारियों A और B के रंग, प्रतिरोध के प्रथम दो सार्थक अंक निर्धारित करते है और तीसरी धारी C का रंग, द्वितीय सार्थक अंक के बाद आने वाले शून्यो की संख्या अर्थात 10 की घात निर्धारित करता है। चौथी धारी D का रंग उस प्रतिरोध के मान में संभावित त्रुटि व्यक्त करती है। यह प्रायः श्वेत धारी यानी चांदी की अथवा सुनहरी धारी यानी सोने की होती है। इस प्रकार, R = AB × 10ᶜ ± D%

कार्बन प्रतिरोध प्रायः चार विभिन्न रंगों की धारियां A, B, C और D पड़ी होती है। प्रथम दो धारियों A और B के रंग, प्रतिरोध के प्रथम दो सार्थक अंक निर्धारित करते है

इसे हम अंग्रेजी के निम्न वर्ड द्वारा याद रख सकते हैं। जहा काले अक्षरों B, B, R, O, Y, G, B, V, G तथा W के अर्थ क्रमशः काला, भूरा, लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी, स्लेटी और श्वेत है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी प्रतिरोधक पर क्रमशः हरी, बैंगनी, नारंगी और चांदी की धारी है, तो उपर्युक्त तालिका से, हरी 5, बैंगनी 7, नारंगी 000 या 10³, चांदी 10%

इसका तात्पर्य है कि उसका प्रतिरोध 57,000 या 57 x 10³ ओम होगा और इसका मान इस मान से ±10% हो सकता है अर्थात प्रतिरोध = 57 × 10³ ±10% ओम

इसे हम अंग्रेजी के निम्न वर्ड द्वारा याद रख सकते हैं। जहा काले अक्षरों B, B, R, O, Y, G, B, V, G तथा W के अर्थ क्रमशः काला, भूरा, लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, बैंगनी, स्लेटी और श्वेत है।

क्रियाविधि

  1. सर्वप्रथम प्रतिरोध को इस प्रकार पकड़े के पास-पास वाले रिंग बायी तरफ रखें।
  2. प्रतिरोध पर बनी रिंगो के कलर की पहचान करें।
  3. सारणी में दर्शाए गए कलर के अनुसार प्रतिरोध का मान रखें। प्रथम रिंग एवं द्वितीय रिंग प्रतिरोध के मान के प्रथम दो अंक तीसरी रिंग प्रतिरोध गुणांक एवं चौथी रिंग सहनशीलता दर्शाती है।
  4. जैसे प्रतिरोध पर बनी रिंगो का कलर क्रमशः लाल, पीला, नारंगी और सुनाहरा है तो प्रतिरोध का मान 24000 Ω± 5% होगा।

सावधानियां

  1. रिंग के कलरों को सावधानीपूर्वक पहचाने।
  2. कलर का सही मान रखें।