सन 1917 में रूस में हिंसात्मक क्रांति हुई जो बीसवीं शताब्दी के इतिहास की सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटना थी। इस क्रांति के रूस पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े।
1-निरंकुश जारशाही का अंत
रूस में सदियों से अत्याचारी तथा निरंकुश जारों का शासन चल रहा था। सन 1917 की क्रांति के बाद रूस में निरंकुश शासन का अंत हो गया। जार निकोलस द्वितीय व राजवंश के सदस्यों को मार डाला गया।
2-सामान्तशाही की समाप्ति
इस क्रांति के फलस्वरूप रूस में सामंतवादी व्यवस्था तथा उच्च वर्ग के विशेषाधिकारी समाप्त हो गए।
3-साम्राज्यवाद का अन्त
पोलैंड, फिनलैंड, तथा जाजिया प्रदेश रूस के उपनिवेश थे। क्रांति के बाद उन्हें स्वतंत्रता दे दी गई। इस प्रकार रूसी साम्राज्यवाद को समाप्त कर दिया गया।
4-साम्यवादी सरकार की स्थापना
इस क्रांति से रूस में लेनिन की अध्यक्षता में नई साम्यवादी सरकार ने देश की बागडोर संभाली। देश को सोवियत समाजवादी गणराज्य के संग में परिणत कर दिया गया।
5-शोषण का अंत
इस क्रांति के बाद देश की संपूर्ण संपत्ति तथा उद्योगों पर सरकार का स्वामित्व हो गया।प्रत्येक व्यक्ति को उसकी क्षमता और योग्यता के अनुरूप काम देना राज्य का उत्तरदायित्व हो गया। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति के लिए कार्य करना आवश्यक हो गया।
6-सामाजिक कल्याण पर बल
नई सरकार के गठन के बाद देश के सभी संसाधनों का प्रयोग निजी हित के स्थान पर सार्वजनिक हित के लिए किया जाने लगा। काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को रोटी, कपड़ा और मकान देने की जिम्मेदारी सरकार की हो गई।
7-रूस का सर्वांगीण विकास
क्रांति से पूर्ण रूप से एक पिछड़ा हुआ देश था। किंतु क्रांति के बाद नई सरकार ने रूस की काया ही पलट दी। देश का तीव्रता से विकास होता गया तथा कुछ ही वर्षों में यह एक शक्तिशाली राष्ट्र बन गया।
8-शिक्षा का प्रसार
साम्यवादी सरकार ने देश में शिक्षा का तेजी से प्रसार किया। सन 1941 तक देश की 41% जनसंख्या शिक्षित हो गई थी।
9-समाजवाद की स्थापना
इस क्रांति के बाद सत्ता में आई नई सरकार ने कार्ल मार्क्स के सिद्धांतों को कार्य रूप में परिणत कर दिया। सभी साधनों का राष्ट्रीयकरण करके वास्तविक रूप में समाजवाद की स्थापना की गई। आर्थिक तथा सामाजिक समानता ओं पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया।