हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको आर्कमिडीज के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
आर्कमिडीज का सिद्धांत
जब कोई वस्तु पूरी-पूरी या आंशिक रूप से किसी द्रव में डुबोई जाती है। तो उसके भार में कमी आती है। यह कमी वस्तु द्वारा हटाए द्रव के भार के बराबर होती है। बाहर में वह कमी द्रव की उत्प्लावन बल के बराबर होती है।
यदि वस्तु का हवा में भार W=1 ग्राम है। तथा द्रव में डुबोने पर भार W=2 ग्राम आता है। अतः भार में कमी (W=1-W=2) ग्राम परंतु बाहर में यह कमी नापने पर हटाए। द्रव के बाहर के बराबर आती है।
अतः आर्कमिडीज का सिद्धांत से भार मैं कमी=हटाये द्रव का भार
W1-W2= Veg
आर्कमिडीज का सिद्धांत के उपयोग
- पिंड का आयतन ज्ञात करना यदि पिंड पूरा या आंशिक रूप से डूबा है।
भार में कमी=हटाये द्रव का भार
W1-W2=Veg
- आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करना-
पिंड का हवा में भाग-द्रव में भार में कमी
W1
W1-W2
प्लवन के नियम
जब कोई वस्तु पूरी-पूरी या आंशिक रूप से तेरी होती है।तो उस दशा में डूबी भाग द्वारा हटाए पानी का पार वस्तु के भार के बराबर होता है। अतः प्लवन तैरने की दशा में वस्तु का भार=हटाये पानी का का भार
1.आयाम- मीडिया आवेश अपनी माध्य स्थिति से जितना अधिकतम विस्थापन दिखाती है। उसी आयाम कहते हैं। अधिकतम स्थापन के नाम से जाना जाता है।
2. तरंग धैर्य- तरंग की पूरी परिधि को तरंग धैर्य कहते हैं।
3. आवृत्ति- किसी भी बिंदु से 1 सेकंड से गुजरने वाली चुंबकीय तरंगों की आवृत्ति कहते हैं।
आर्किमिडीज के सिद्धांत की उदाहरण सहित व्याख्या
आर्किमिडीज़ का सिद्धांत अनुसार जब किसी वस्तु को पूरी तरह या आंशिक रूप से एक द्रव (गैस या तरल) में डूबाया जाता है, तो उसपर ऊपर की ओर से कार्य करता है, जो की उसके डूबे हुए भार और हटाये गये जल के भार के बराबर होता है.
उदाहरण के लिए, एक जहाज जिसे समुंद्र में जब तैरने के लिए लाया जाता है, तो यदि उस जहाज का भार उसके द्वारा हटाये गये जल के भार के बराबर नही हो, तो वह जहाज पानी में डूब सकता है, इसलिए जहाजो को कुछ इस तरह खास डिजाईन किया जाता है, जहाज का भार की तुलना में उसके द्वारा हटाये गये जल का भार अधिक होता है, तो इस तरह जल द्वारा जहाज को ऊपर की तरफ विस्थापित यानि उछाल बल लगता है, जिससे जल के ऊपर जहाज तैरता रहता है।तो इस तरह आर्किमिडीज के सिद्धांत से पता कर सकते है।