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भँवर धाराएँ क्या है? | अनुप्रयोग

भँवर धाराएँ क्या है? | अनुप्रयोग

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको भँवर धाराएँ के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

भँवर धाराएँ किसे कहते हैं?

जब किसी भी आकृति अथवा आकार के चालक को किसी चुंबकीय क्षेत्र में चलाया जाता है अथवा किसी परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो चालक से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तित होता है।

जिससे चालक के संपूर्ण आयतन में प्रेरित धाराएं उत्पन्न हो जाती हैं जो कि चालक की गति का अथवा चुंबकीय फ्लक्स से परिवर्तन का विरोध करती है। क्योंकि यह धाराएं जल में उत्पन्न भँवर धाराओं के सामान चक्करदार होती है, अतः इन धाराओं को भँवर धाराएँ कहते हैं। इन धाराओं की खोज वैज्ञानिक फोको ने की थी, अतः इन धाराओं को फोको धाराएं भी कहते हैं।

जब किसी भी आकृति अथवा आकार के चालक को किसी चुंबकीय क्षेत्र में चलाया जाता है अथवा किसी परिवर्तित चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो चालक से बद्ध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तित होता है।

यह धाराएं इतनी प्रबल हो सकती है कि चालक गर्म होकर लाल तप्त तक हो सकता है। भवर धाराओं का मान चालक के प्रतिरोध पर निर्भर करता है। यदि चालक का प्रतिरोध अधिक है तो भंवर धाराएं क्षीण हो जाती है। इसके विपरीत, यदि चालक का प्रतिरोध कम है तो भंवर धाराएं प्रबल हो जाती हैं।

भँवर धाराओं के अनुप्रयोग

  1. प्रेरण भट्टी में इनका उपयोग होता है। इसमें धातु को प्रबल परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रख दिया जाता है जिससे धातु में प्रबल भँवर धाराएँ उत्पन्न होकर इतनी ऊष्मा उत्पन्न करती है कि धातु पिघल जाती है।
  2. धारामापी को रुद्ध दोलन बनाने में इनका उपयोग होता है। धारामापी की कुण्डली ताम्बे के विद्युतरोधी तार को एल्युमिनियम के फ्रेम पर लपेट कर बनाई जाती है। जब कुण्डली विक्षेपित होती है तो फ्रेम में भंवर धाराएँ उत्पन्न हो जाती है जो कुण्डली की गति का विरोध करती है। अत: कुण्डली विक्षेपित होकर शीघ्र ही उपयुक्त स्थिति में रुक जाती है।
  3. विद्युत ट्रेनों को रोकने के लिए भँवर धाराओं का उपयोग विद्युत ब्रेक के रूप में किया जाता है। पहिये की धुरी के साथ साथ धातु का ड्रम लगा होता है जो पहिये के साथ साथ घूमता है। जब ट्रेन को रोकना होता है तो ड्रम के पास प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न कर दिया जाता है जिससे ड्रम में भँवर धाराएँ प्रेरित हो जाती है जो ड्रम की गति का विरोध करती है तथा ट्रेन रुक जाती है।