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बुग्याल से क्या अभिप्राय है? | बुग्याल के प्रमुख लक्षण बताइए?

बुग्याल से क्या अभिप्राय है? | बुग्याल के प्रमुख लक्षण बताइए?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको बुग्याल के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

बुग्याल किसे कहते हैं?

महाहिमालय में हिम रेखा से नीचे 3500 से 6000 मीटर की ऊंचाई  पर पाये जाने वाले घास के मैदानों को उत्तराखंड में बुग्याल कहा जाता है, बुग्यालो को कश्मीर में मर्ग तथा कुल्लू में थच कहा जाता है।

बुग्याल के प्रकार

बुग्याल पांच प्रकार के होते है -

1-दुग या दुघ बुग्याल (छोटी घास वाले बुग्याल)

2-बस बुग्याल (पशुओ की वसा बढाने वाली घास वाले)

3-मोट बुग्याल (मोट बुग या फ्लूम प्रजाति की घास वाले बुग्याल )

4-धनिया बुग्याल (व्यांस – मालपा क्षेत्र वाले)

5-धत्ती बुग्याल (धत्ती बुग वनस्पति वाले)

प्रसिद्ध बुग्याल

गढ़वाल की घाटियों में कई छोटे-बड़े बुग्याल पाये जाते हैं, लेकिन लोगों के बीच जो सबसे अधिक प्रसिद्द हैं उनमें बेदनी बुग्याल, पवालीकाण्ठा, चोपता, औली, गुरसों, बंशीनारायण और हर की दून प्रमुख हैं। इन बुग्यालों में रतनजोत, कलंक, वज्रदन्ती, अतीष, हत्थाजडी जैसी कई बहुमूल्य औषधि युक्त जडी-बू्टियाँ भी पाई जाती हैं। इसके साथ-साथ हिमालयी भेड़, हिरण, मोनाल, कस्तूरी मृग और धोरड जैसे जानवर भी देखे जा सकते हैं। पंचकेदार यानि केदारनाथ, कल्पेश्वर, मदमहेश्वर, तुंगनाथ और रुद्रनाथ जाने के रास्ते पर कई बुग्याल पडते हैं।

  • प्रसिद्ध बेदिनी बुग्याल रुपकुण्ड जाने के रास्ते पर पडता है। ३,३५४ मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस बुग्याल तक पहुँचने के लिए के लिए आपको ऋषिकेश से कर्णप्रयाग, ग्वालदम, मुन्दोली होते हुए वाँण पहुंचना होता है। वाँण से घने जंगलों के बीच गुजरते हुए लगभग १० किलोमीटर की चढा़ई के बाद आप बेदनी के सौंदर्य का आंनद ले सकते हैं। इस बुग्याल के बीचों-बीच फैली झील यहां के सौंदर्य में चार चांद लगी देती है।
  • गढ़वाल का स्विट्जरलैंड कहा जाने वाला चोपता बुग्याल २,९०० मीटर की ऊंचाई पर गोपेश्वर-ऊखीमठ-केदारनाथ मार्ग पर स्थित है। चोपता से हिमालय की चोटियों के समीपता से दर्शन किए जा सकते हैं।
  • चोपता से ही आठ किलोमीटर की दूरी पर दुगलबिठ्ठा नामक बुग्याल है। यहाँ कोई भी पर्यटक सुगमता से पहुँच सकता है।
  • चमोली जिले के जोशीमठ से १२ किलोमीटर की दूरी पर २,६०० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है औली बुग्याल। साहसिक खेल स्कीइंग का ये एक बड़ा केन्द्र है। सर्दियों में यहाँ के ढ़लानों पर स्कीइंग चलती हैं और गर्मियों में यहाँ खिले विभिन्न प्रकार के फूल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होते हैं।
  • औली से ही १५ किलोमीटर की दूरी पर एक और आकर्षक बुग्याल है क्वारी। यह भी अत्यंत दर्शनीय बुग्याल है।