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धारिता किसे कहते है? | मात्रक

धारिता किसे कहते है? | मात्रक

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको धारिता के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

धारिता के बारे में

संधारित्र के विद्युत ऊर्जा संग्रह करने के गुण को उसकी धारिता कहते हैं या दो प्लेटो के मध्य इकाई विभवांतर उत्पन्न करने के लिए जितने आवेश की मात्रा आवश्यक होती है। वह संधारित्र की धारिता कहलाती है। दूसरे शब्दों में किसी विलगित चालक को आवेश दिया जाता है, तो उसके विभव में उसी अनुपात में वृद्धि होती है। अगर हम संधारित्र की दोनों प्लेटो में से एक Q कूलाम आवेश देते हैं और अगर दोनों प्लेटो के मध्य प्लेटों के मध्य विभवांतर V उत्पन्न हो जाता है तो कैपेसिटेंस होगी।
C = Q/V = आवेश/विभवांतर

धारिता की इकाई विमीय सूत्र व मात्रक

धारिता की इकाई कूलॉम/वोल्ट या फैरड है। कैपेसिटेंस का विमीय सूत्र M⁻¹L⁻²T⁴A² है। 1 फैरड = 1 कूलॉम/वोल्ट
अर्थात 1 फैरड संधारित्र की वह धारीता है जो दो प्लेटो के मध्य एक वोल्ट का विभवांतर स्थापित करने पर 1 कूलॉम आवेश चार्ज कर लेता है।

फैरड धारिता का बहुत बड़ा मात्रक है। अतः व्यवहार में सुविधा के लिए अन्य मात्रक, जैसे माइक्रो फैरड (μF) तथा माइक्रो-माइक्रोफैरड (μμF) अथवा पिको फैरड (pF) प्रयुक्त करते हैं।
1 माइक्रो फैरड (μF) = 10⁻⁶ फैरड, 1 नैनो फैरड (nF) = 10⁻⁹ फैरड, 1 पिको फैरड (pF) = 10⁻¹² फैरड

विलगित गोलीय चालक की धारिता

माना O केंद्र तथा R त्रिज्या का एक गोलीय चालक है जिस पर +Q आवेश दिया जाता है। जिससे यह आवेश गोले का संपूर्ण पृष्ठ पर फैल जाता है और गोले का पृष्ठ एक समविभव पृष्ठ की भांति व्यवहार करता है। C = 4πE₀r, S.I. पद्धति में, C = R, C.G.S. पद्धति में

चालक की धारिता को प्रभावित करने वाले कारक

  1. चालक का आकार– चालक का आकार बढ़ाने से उसका विभव घट जाता है अतः उसकी धारिता बढ़ जाती है।
  2. अन्य चालक की उपस्थिति– आवेशित चालक के निकट दुसरे चालक की उपस्थिति से उसका विभव घट जाता है जिससे कैपेसिटेंस बढ़ जाती है।
  3. चालक के चारों ओर का माध्यम– चालक के चारों और कुचालक माध्यम की उपस्थिति से चालक का विभव कम हो जाता है जिससे धारिता बढ जाती है।

धारिता के उपयोग

धारिता की अवधारणा इलेक्ट्रॉनिक्स और विद्युत इंजीनियरिंग में व्यापक रूप से उपयोगी है। संधारित्र, जो एक विद्युतीय घटक है जिसमें धारिता होती है, विद्युत सर्किट में ऊर्जा को संग्रहीत और विमोचित करने, फिल्टरिंग सिग्नल, और विद्युत शोर को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष

धारिता की अवधारणा विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक्स विज्ञान में एक आधारभूत सिद्धांत है। इसके माध्यम से, हम ऊर्जा के संग्रहण और उपयोग की बेहतर समझ विकसित कर सकते हैं, जिससे अधिक कुशल और प्रभावी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और सिस्टम डिजाइन करना संभव होता है। फैराड के रूप में इसका मात्रक, विद्युत ऊर्जा के संग्रहण की क्षमता को मापने के लिए एक मानक प्रदान करता है, जिससे वैज्ञानिक और इंजीनियर नए और इनोवेटिव तकनीकी समाधान विकसित कर सकते हैं।