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रासायनिक बलगतिकी की परिभाषा

रासायनिक बलगतिकी की परिभाषा

रासायनिक बलगतिकी की परिभाषा, रसायन शास्त्र की वह शाखा जिसके द्वारा अभिक्रियाओ की गतियो का मापन कर उनकी क्रियाविधि का अध्ययन किया जाता है। रासायनिक बलगतिकी कहलाते है।

रासायनिक बलगतिकी के प्रकार

अभिक्रिया की गति के आधार पर रासायनिक बलगतिकी अभिक्रिया को तीन भाग में बांटा जाता है।

तीव्र अभिक्रिया

वे अभिक्रिया जो अभिकारकों को मिलाने पर तुरंत पूर्ण हो जाती है। तीव्र अभिक्रिया कहलाती है। इन अभिक्रिया को पूर्ण होने में 10 से 16 या 10 से 14 सेकंड समय लगता है। अतः ये अभिक्रियाएं आयनिक प्रकृति की होती है।

मंद अभिक्रियाएं

वे अभिक्रियाएँ जिन्हें पूर्ण होने में बहुत अधिक समय लगता है। मंद अभिक्रिया कहलाती है। इन अभिक्रियाओं को पूर्ण होने में लगा समय ज्ञात कठिन होता है।

उदाहरण- सामान्य अवस्था में अमोनिया का बनना तथा लोहे पर जंग लगना।

सामान्य अभिक्रिया

वे अभिक्रिया जो सामान्य रूप से अर्थात जो न अधिक तीव्र वेग से और न ही मंद वेग से पूर्ण होती है, सामान्य अभिक्रिया कहलाती है। जैसे - H₂O₂ का नियोजन तथा एथिल एसीटेट

2H₂O₂ → 2H₂O + O₂

CH₃COOC₂H₅ + H₂Ov→ CH₃COOH + C₂H₅ OH

इन अभिक्रिया की गतियों का अध्ययन रासायनिक बलगतिकी के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है।

अभिक्रिया की दर

किसी अभिक्रिया की दर अभिकारक अथवा क्रियाकारक की सांद्रता में होने वाले परिवर्तन की दर होती है। जैसे-जैसे समय बढ़ता जाता है अभिक्रिया की सांद्रता घटती जाती है। जबकि क्रियाकारक की सांद्रता बढ़ती जाती है।

अतः इकाई समय में अभिकारक या क्रियाकारक की सांद्रता में होने वाले परिवर्तन को अभिकारक की दर कहते है।

माना की कोई अभिक्रिया इस प्रकार होती है कि जिसमे A तथा B क्रियाकारको C तथा D उत्पाद बनाते है।

A + B क्रियाकारक → C + D उत्पाद

समय के साथ A तथा B सांद्रता घट जाती है और C तथा D की सांद्रता में वृद्धि होती है।

अभिक्रिया की दर = A तथा B की मात्रा में कमी/समयान्तराल = ∆A/∆t = ⁻∆A/∆t

अभिक्रिया की दर = C/D की सांद्रता में/समयान्तराल = ⁺∆C/∆t = ⁺∆D/∆t

अतः उपरोक्त रासायनिक बलगतिकी के आधार पर अभिक्रिया को एक पद में निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है।

अभिक्रिया की दर = ∆[A]/∆t = -∆[B]/∆t = +∆[C]/∆t = +∆[D]/∆t

यदि अभिक्रिया में अभिकारकों और क्रियाफलो की इस समीकरणमितीय में अंतर हो तो अभिकारक दर को बराबर करने के लिए, भाग लेने वाले अणुओं की संख्या का समीकरण में भाग देते है।

A + 2B → C + 3D

अभिक्रिया की दर = -∆[A]/∆t = -1/2 ∆[B]/∆t = +∆[C]/∆t = +1/3 ∆[D]/∆t