Magnetic dipole in hindi चुंबकीय द्विध्रुव क्या है, प्रत्येक चुंबक के दो ध्रुव होते हैं, जो एक दूसरे के विपरीत ध्रुव होते हैं, भले ही चुंबक को अनेक टुकड़ों में तोड़ दिया जाए तो भी उनके दो ध्रुव होंगे, अकेले एक ध्रुव का अस्तित्व असंभव है।
चुंबकीय द्विध्रुव क्या है?
दोस्तों हमने चुंबकीय द्विध्रुव क्या है इसके बारे में तो जान लिया है तो अब इसे किसी दूसरी परिभाषा में भी जानते हैं कि यह क्या होता है।
परस्पर कुछ दूरी पर रखे दो बराबर व विपरीत ध्रुव प्रबलता के दो ध्रुवों का निकाय एक चुंबकीय द्विध्रुव कहलाता हैं।
चुंबकीय द्विध्रुव का द्विध्रुव आघूर्ण, एक ध्रुव की प्रबलता तथा दोनों ध्रुवों के बीच की दूरी के गुणनफल के बराबर होता है। इसे अक्षर M द्वारा दर्शाया जाता है।
चुंबकीय आघूर्ण
किसी चुंबक का चुंबकीय आघूर्ण वह राशि होती है जो बताती है कि उस चुंबक को किसी बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर वह कितना बल आघूर्ण (force torque) अनुभव करेगा। छड़ चुंबक एक लूप जिसमें विद्युत धारा बह रही हो, परमाणु का चक्कर काटता इलेक्ट्रॉन, अणु, ग्रह आदि सभी का चुंबकीय आघूर्ण (magnetic moment) होता है।
धारा लूप चुंबकीय द्विध्रुव
एक धारा लूप ठीक चुंबकीय द्विध्रुव (magnetic dipole) के समान व्यवहार करता है। लूप के जिस सिरे से देखने पर धारा का प्रवाह लूप में वामावर्त (counter-clockwise) होता है, लूप का वह सिरा उत्तरी ध्रुव N की भांति व्यवहार करता है तथा लूप के जिस सिरे से देखने पर धारा का प्रवाह लूप में दक्षिणावर्त (Clockwise) होता है, लूप का वह सिरा दक्षिणी ध्रुव S की भांति व्यवहार करता है।
एंपियर के अनुसार, धारावाही लूप (stream loop) का द्विध्रुव आघूर्ण, लूप में प्रवाहित धारा तथा उसके प्रभावी क्षेत्रफल के गुणनफल के बराबर होता है।
परिक्रमण करते इलेक्ट्रॉन का चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण
प्रत्येक पदार्थ परमाणुओं से मिलकर बना होता है, जिसमें परमाणु का केंद्र में नाभिक होता है तथा परमाणु का लगभग समस्त द्रव्यमान तथा धन आवेश केंद्रित रहता है।
नाभिक के चारों ओर विभिन्न निश्चित कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन परिक्रमण करते रहते हैं। इसे इलेक्ट्रॉन की कक्षीय गति कहते हैं। इस गति के साथ-साथ इलेक्ट्रॉन अपनी धुरी पर भी घूमता है। इसे इलेक्ट्रॉन की चक्रण गति कहते हैं।
इलेक्ट्रॉन की इन्हीं गतियो के कारण परमाणु में चुंबकत्व उत्पन्न होता है, परंतु परमाणु के चुंबकीय आघूर्ण का अधिकांश भाग इलेक्ट्रॉन की चक्रण गति के कारण उत्पन्न होता है, परिक्रमण गति का चुंबकीय आघूर्ण में योगदान बहुत कम होता है।