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द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?

द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको द्विखंडन बहुखंडन के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है?

यह निम्न प्रकार से है-

द्विखंडन

  1. यह क्रिया अनुकूल परिस्थितियों में होती है।
  2. इसमें केंद्रक दो पुत्री केंद्र को मैं विभाजित होता है।
  3. इसमें केंद्रक विभाजन साथ साथ कोसा द्रव्य का बटवारा हो जाता है। सामान्यतया खांच विधि होता है।
  4. एक कोशिकीय जीव से दो संतति जीव बनते हैं।

उदाहरण- अमीबा।

बहुखंडन

  1. यह क्रिया सामान्यतया प्रतिकूल परिस्थितियों में होती है।
  2. इसमें केंद्रक अनेक संतति केंद्र को में बट जाता है।
  3. इसमें केंद्र को का विभाजन पूर्ण होने के पश्चात प्रत्येक पुत्री केंद्रक के चारों और थोड़ा थोड़ा कोसा द्रव्य एकत्र हो जाता है।
  4. इसमें एक कोशिकीय जीव से अनेक संतति जीव विभाजन बनते हैं।

उदाहरण- प्लाज्मोडियम