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मुक्त एवं बद्घ आवेश किसे कहते है?

मुक्त एवं बद्घ आवेश किसे कहते है?

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको मुक्त एवं बद्घ आवेश के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

मुक्त एवं बद्घ आवेश के बारे में

free and bound charges in hindi दोस्तो हम जानते है की हर एक पदार्थ परमाणु से मिलकर बनता है तथा परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर कक्षाओं में चक्कर लगाते है, जो कक्षाएं नाभिक के पास होती है उनमे घूम रहे इलेक्ट्रोनो पर नाभिकीय शक्ति का आकर्षण बल अधिक प्रभावशाली होता है, इन इलेक्ट्रोनो व आवेशों को बद्ध आवेश (bound charge) कहते है।

मुक्त आवेश

वह इलेक्ट्रॉन या आवेश नाभिक से बहुत दूर स्थित कक्षाओं में चक्कर लगाते है वे मुक्त आवेश (free charge) कहलाते है।

मैटेलिक चालकों में बाहरी कक्षाओं में मौजूदा इलेक्ट्रॉनो पर नाभिक का आकर्षण बल बहुत ही कम होता है और इसलिए चालकों के परमाणुओं के बाहरी कक्षा के इलेक्ट्रॉन मुक्त रूप से विचरण कर सकते है, ये मुक्त रूप से विचरण करने वाले इलेक्ट्रॉन मुक्त इलेक्ट्रॉन कहलाते है। लेकिन मुक्त विचरण का मतलब यह नहीं है की वे परमाणु से बाहर आ जाये यानी इलेक्ट्रॉन परमाणुओं से बाहर नहीं आ सकते।

वह इलेक्ट्रॉन या आवेश नाभिक से बहुत दूर स्थित कक्षाओं में चक्कर लगाते है वे मुक्त आवेश (free charge) कहलाते है।

वह परमाणु जिनके बाहरी कक्षाओं के इलेक्ट्रॉन विचरण (variance) करने के लिए मुक्त होते है वे विद्युत क्षेत्र की मौजूदगी में सभी इलेक्ट्रॉन एक नियत दिशा में गति करते है जिससे चालकों में विद्युत धारा का प्रवाह होता है, धारा के प्रवाह में एकमात्र मुक्त इलेक्ट्रॉन ही योगदान करते है।

बद्ध इलेक्ट्रॉन (bound electrons) नाभिक बल से बंधे होते है अतः ये विचरण करने के लिए मुक्त नहीं होते है और धारा के प्रवाह में अपना योगदान नहीं दे पाते है।

कुचालक वस्तु में मौजूद परमाणु में बाहरी कक्षाओं में स्थित इलेक्ट्रॉन भी नाभिकीय आकर्षण बल का प्रभाव अधिक होता है अर्थात कुचालक के परमाणु में नाभिक से बाहरी कक्षा के इलेक्ट्रॉन बंधे (बद्ध) रहते है जिससे ये गति नहीं कर पाते और इससे कुचालक वस्तु में धारा का प्रवाह नहीं हो पाता है।