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लोक प्रशासन का अर्थ क्षेत्र प्रकृति महत्व।

लोक प्रशासन का अर्थ क्षेत्र प्रकृति महत्व।

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको लोक प्रशासन के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

लोक प्रशासन का अर्थ एवं क्षेत्र

लोक प्रशासन प्रशासन का वह विशिष्ट भाग है जिसका सम्बन्ध शासन की गतिविधियों से होता है। व्यक्तिगत प्रशासन के विपरीत यह शासकीय कार्यों का प्रबन्ध है। जब प्रशासन का सम्बन्ध राज्य, सरकार या अन्य लघु राजनीतिक संस्थाओं से होता है तब यह लोक प्रशासन के नाम से सम्बोधित किया जाता है।

लोक प्रशासन का उद्देश्य शासन द्वारा निर्धारित सार्वजनिक नीतियों को क्रियान्वित करना होता है। राज्य के निरन्तर बढ़ते कार्य – क्षेत्र ने लोक प्रशासन के महत्त्व को बढ़ा दिया है। राज्य की सफलता लोक प्रशासन की कार्यकुशलता तथा क्षमता पर निर्भर करती है। सरकार का स्वरूप किसी भी प्रकार का हो, लोक प्रशासन का महत्त्व कम नहीं होता है।

कुशल प्रशासन के अभाव में सरकार केवल वाद – विवाद का क्लब मात्र बनकर रह जाती है। इस महत्त्व के कारण ही इसे’ आधुनिक सभ्यता का हृदय’ (heart of modern civilization) कहा जाता है। प्रजातन्त्र में तो इसका महत्त्व और भी अधिक है।

लोक प्रशासन का अर्थ

प्रशासन शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है। ‘प्र’ उपसर्ग पूर्वक ‘शास’ धातु से बना है। ‘प्र’ का अर्थ प्रकृष्ट अथवा उत्कृष्ट रूप से शासन करना है। वर्तमान समय में शासन का अर्थ प्रमुख रूप से सरकार से समझा जाता है, किन्तु इसका वास्तविक अर्थ निर्देश देना, पथ-प्रदर्शन करना, आदेश अथवा आज्ञा देना है। वैदिक युग में प्रशासन का प्रयोग इसी अर्थ में किया जाता था।

लोक प्रशासन का क्षेत्र

किसी भी विषय के क्षेत्र का तात्पर्य है कि अमुक विषय के अन्तर्गत किन-किन तथ्यों तथा समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। लोक प्रशासन के क्षेत्र का भी यही अर्थ है कि इसके अन्तर्गत किन-किन तथ्यों तथा समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

लोक प्रशासन के क्षेत्र के सम्बन्ध में सभी विद्वान् एकमत नहीं हैं। एफ ० मर्सन के अनुसार लोक प्रशासन के अन्तर्गत वे समस्त विषय आते हैं जिनका सम्बन्ध सार्वजनिक नीति से है। विलोबी के अनुसार लोक प्रशासन के क्षेत्र का सम्बन्ध इन तत्त्वों से है-

(1) सामान्य प्रशासन, (2) संगठन (3) कर्मचारी वर्ग, (4) सामग्री, तथा (5) वित्त। व्यावहारिक दृष्टिकोण से भी लोक प्रशासन में शासन के असैनिक स्रोत राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयोग में लाए जा सकते हैं।

लोक प्रशासन के क्षेत्र में वृद्धि होने के कारण अब यह मात्र सरकार के नियमित कार्यों से ही सम्बन्धित नहीं है वरन् सामाजिक न्याय तथा सामाजिक परिवर्तन का भी एक प्रभावशाली यन्त्र है। लोक प्रशासन के क्षेत्र को हम निम्नलिखित रूपों में वर्णित कर सकते हैं।

कार्यपालिका की क्रियाशीलता का अध्ययन

लोक प्रशासन कार्यपालिका के क्रियाशील तत्त्वों का अध्ययन करने वाला प्रशासन का महत्त्वपूर्ण माध्यम है। लोक प्रशासन का सम्बन्ध कार्यपालिका की उन समस्त क्रियाओं से है जिनके द्वारा वह राज्य के निश्चित लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है। लोक प्रशासन का यह संकीर्ण स्वरूप है। प्रशासन का वास्तविक उत्तरदायित्व कार्यपालिका पर निर्भर करता है, चाहे वह राष्ट्रीय, राजकीय अथवा स्थानीय स्तर हो।

सामान्य प्रशासन का अध्ययन

लक्ष्य निर्धारण, व्यवस्थापिका एवं प्रशासन सम्बन्धी नीतियाँ, सामान्य कार्यों का निर्देशन, स्थान तथा नियन्त्रण आदि लोक प्रशासन के क्षेत्र में सम्मिलित हैं।

संगठन सम्बन्धी समस्याओं का अध्ययन

लोक प्रशासन में हम प्रशासनिक संगठन का अध्ययन करते हैं।सरकार के विभागीय संगठन का अध्ययन इसके अन्तर्गत किया जाता है। लोक प्रशासन के क्षेत्र में नागरिक सेवाओं के विभिन्न सूत्रों, उसके संगठनों तथा क्षेत्रीय संगठनों का व्यापक रूप से अध्ययन किया जाता है।