मैक्सवेल का कॉर्क स्क्रु नियम की खोज जेम्स क्लार्क मैक्सवेल ने सन् 1861 में की थी। यह मैक्सवेल का कॉर्क स्क्रु नियम हमें यह बताता है कि, किसी पेच को दाएं हाथ द्वारा इस प्रकार घुमाया जाये कि पेच की नोंक विद्युत धारा की दिशा में आगे बढ़े, तो पेच को घुमाने के लिए जिस दिशा में अंगूठा घूमता है, वह चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा प्रदर्शित करेगा।
मैक्सवेल का कॉर्क स्क्रू नियम क्या है?
किसी चालक में प्रवाहित विद्युत धारा से उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की दिशा इस नियम की सहायता से ज्ञात की जा सकती है।
यह नियम कैसे काम करता है?
यदि किसी स्क्रू को दक्षिणावर्त (clockwise) घुमाया जाए तो स्क्रू की नोंक आगे को जाती है तथा स्क्रू को वामावर्त (anticlockwise) घुमाने पर स्क्रू की नोंक की गति पीछे की ओर जाती है।
स्क्रू की नोंक की दिशा चालक में विद्युत प्रवाह (electric current) की दिशा को व्यक्त करें तो स्क्रू के घूर्णन की दिशा चालक के चारों ओर उत्पन्न वृत्ताकार क्षेत्र रेखाएं क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज विद्युत क्षेत्र को प्रदर्शित मैक्सवेल का कॉर्क स्क्रू नियम के द्वारा करेंगी।
दाये हाथ की हथेली का नियम
दाये हाथ की हथेली का नियम (Right hand palm rule) के अनुसार, यदि हम अपने दाये हाथ की हथेली खुली रखकर अंगूठे तथा उंगलियों को परस्पर लंबवत इस प्रकार फैलाए की अंगूठा, चालक में बहने वाली धारा की दिशा की ओर तथा उंगलियां उस बिंदु की ओर संकेत करे जहा चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) के दिशा ज्ञात करनी है, तो चुंबकीय क्षेत्र की दिशा, खुली हथेली के लंबवत तथा हथेली के बाहर की ओर होगी।
अंतिम निष्कर्ष– आज आपको मेरे द्वारा बताई गई जानकारी की मैक्सवेल का कॉर्क स्क्रू नियम और दाये हाथ की हथेली का नियम क्या है, अगर आपको यह पसंद आता है तो इसे अपने मित्रों में शेयर करें और तुरंत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन करें जी धन्यवाद।