मैक्स वेबर ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘Sociology‘ (समाजशास्त्र) में नौकरशाही के जिन विशिष्ट गुणों की चर्चा की है, वे निम्नलिखित हैं।
निश्चित कार्यक्षेत्र
नौकरशाही प्रणाली द्वारा प्रशासनिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जिन नियत क्रियाओं की आवश्यकता होती है उनको एक सुनिश्चित क्रम के आधार पर सरकारी कार्यों के रूप में विभाजित किया जाता है। इस प्रकार नौकरशाही पद्धति में पदाधिकारियों का कार्यक्षेत्र निश्चित कर दिया जाता है।
आदेशों का स्पष्टीकरण
दायित्वों की पूर्ति के लिए आवश्यक आदेश करने के अधिकार को विभिन्न अधिकृत सत्ताओं को सौंप दिया जाता है। दूसरे शब्दों में , इस व्यवस्था में विभिन्न अधिकारियों के आदेशों के अधिकार – क्षेत्र को भी स्पष्ट कर दिया जाता है।
नियमों के प्रति आस्था
ये आदेश ऐसे नियमों की सीमा में बँधे होते हैं जो अधिकारियों को कार्य पूर्ण करने , चाहे बलपूर्वक ही हो , के लिए मिले होते हैं।
योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति
इन कर्त्तव्यों की नियमित एवं सुचारु पूर्ति के लिए तथा सम्बन्धित अधिकारों के क्रियान्वयन हेतु वैधानिक व्यवस्था की जाती है। कर्त्तव्यों की पूर्ति के लिए केवल योग्य व्यक्तियों की व्यवस्था की जाती है तथा उनकी पदोन्नति भी योग्यता के आधार पर की जाती है।
पद
सोपान पद्धति पर आधारित – नौकरशाही पद – सोपान पद्धति पर आधारित होती है।
पद के लिए निश्चित योग्यताएँ
इस पद्धति में प्रत्येक पद के लिए योग्यताएँ निर्धारित रहती हैं।
विशिष्ट वर्ग
इस व्यवस्था में पदाधिकारियों का एक पृथक् वर्ग बन जाता है।
अहंभाव उत्पन्न होना
इस पद्धति में पदाधिकारियों में अहंभाव उत्पन्न हो जाता है।
लालफीताशाही
इसमें लालफीताशाही अथवा अनावश्यक औपचारिकता पायी जाती है। फाइलें लालफीते के अन्तर्गत वर्षों तक बँधी पड़ी रहती हैं तथा कार्य में अनावश्यक विलम्ब होता है।