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थर्मिस्टर क्या है? | उपयोग

थर्मिस्टर क्या है? | उपयोग

हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको थर्मिस्टर के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।

थर्मिस्टर किसे कहते हैं?

थर्मिस्टर अर्धचालकों से बना ऐसा प्रतिरोध होता है। जिसका प्रतिरोध ताप बढ़ाने पर तेजी से घटता है। यह अर्धचालकों धातु जैसे- निकिल, तांबा, कोबाल्ट आदि ऑक्साइड से इसे बनाया जाता है जिसका आकार छड़ अथवा डिस्क की आकृति में अत्यंत छोटे आकर का होता हैं इनके सिरो पर संयोजन के लिए प्लैटिनम के तार जुड़े रहते हैं। इन्हें एक छोटे कांच के बल्ब में बंद रखा जाता है जिसके बाहर संयोजन के लिए प्लैटिनम तार की सिरे निकले रहते हैं।

थर्मिस्टर अर्धचालकों से बना ऐसा प्रतिरोध होता है। जिसका प्रतिरोध ताप बढ़ाने पर तेजी से घटता है।

इसके के विशिष्ट प्रतिरोध का ताप गुणांक बहुत अधिक होता है तथा इसका मान ऋणात्मक या धनात्मक कुछ भी हो सकता है। थर्मिस्टर का प्रतिरोध 0.1 ओह्र से 10⁷ तक की परास के बीच में कुछ भी हो सकता है।

उपयोग

  1. इसका प्रयोग सामान्यतः विद्युत परिपथ के कुल प्रतिरोध को स्थिर बनाये रखने के लिए किया जाता है।
  2. इसे विद्युत फ्रिज की एक भुजा में जोड़कर 0.005ºC तक के ताप परिवर्तन को मापा जा सकता है।
  3. थर्मिस्टर का उपयोग टेलीविजन सेट की पिक्चर ट्यूब को फिलामेंट को धारा परिवर्तन के कारण हो सकने वाली हानि से बचाने में किया जाता है।
  4. इसका उपयोग टेलीविजन, वोल्टेज रेगुलेटर, अभिग्राही, टाइम रिले स्विच, वोल्टा नियंत्रक आदि में किया जाता है।
  5. इसका उपयोग निम्न ताप ≈ 10 k को नापने के लिए किया जाता है।
  6. ये अति सूक्ष्म ताप परिवर्तन 10⁻³ ºC तक को नाप सकते हैं।
  7. इनका उपयोग ताप में अल्प परिवर्तन की जानकारी करने के लिए किया जाता है।
  8. थर्मिस्टर का उपयोग ट्रांसफार्मर, मोटर तथा जनरेटर की वाइंडिंग को जलने से बचाने में किया जाता है।

साधारण प्रतिरोध तथा थर्मिस्टर में अंतर

थर्मिस्टर साधारण प्रतिरोध
इसका प्रतिरोध पर ताप परिवर्तन का प्रभाव बहुत अधिक होता है। इनका प्रतिरोध पर ताप परिवर्तन का प्रभाव बहुत कम होता है।
इनका विशिष्ट प्रतिरोध ताप गुणांक धनात्मक तथा ऋणात्मक कुछ भी हो सकता है। इसका विशिष्ट प्रतिरोध ताप गुणांक सदैव धनात्मक होता है।
इसका विशिष्ट प्रतिरोध बहुत अधिक होता है। इनका विशिष्ट प्रतिरोध बहुत अधिक नहीं होता है।