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ड्यूटेरोस्टोम संघो में सबसे बड़े कॉर्डेटा संघ है। यह सर्वाधिक विकसित और सबसे महत्वपूर्ण संघ है जिसके अंतर्गत मनुष्य सहित विभिन्न प्रकार के जीवित और विलुप्त जन्तु आते है।
संघ कार्डेटा के मुख्य लक्षण
- पृष्ठ रज्जु का पाया जाना — इस संघ के सभी जन्तुओं में जीवन की किसी – न – किसी अवस्था में एक लचीली ठोस छड़ पृष्ठ रज्जु ( notochord ) होती है, जो शरीर की मध्य पृष्ठ रेखा में आहारनाल के ऊपर तथा तन्त्रिका रज्जु के नीचे पाई जाती है। कुछ जन्तुओं में पृष्ठ रज्जु जीवनपर्यन्त पाई जाती है , किन्तु उच्च जन्तुओं में पृष्ठ रज्जु मेरुदण्ड में बदल जाती है।
- पृष्ठीय नलिकाकार तन्त्रिका रज्जु – यह पृष्ठ रज्जु के ऊपर मध्य पृष्ठ सतह पर स्थित खोखली नलिकाकार संरचना होती है। उच्च कॉटा जन्तुओं में इसका अग्रभाग मस्तिष्क तथा शेष भाग रीढ़ रज्जु ( spinal cord ) बनाता है।
- ग्रसनी तथा क्लोम दरारें – ये कॉडेंटा जन्तुओं या उसकी भ्रूण अवस्था में पाई जाती हैं। ये श्वसन क्रिया में सहायक होती है। जलीय कॉडेटा में ये क्लोम ( gills ) में बदल जाती है। स्थलीय व वायवीय जन्तुओं में ये बन्द हो जाती है।
- यकृत निवाहिका तन्त्र – आहारनाल के विभिन्न भागों से शिराएँ रुधिर को यकृत निवाहिका शिरा द्वारा यकृत में पहुँचाती हैं। यकृत से रुधिर हृदय में पहुँचता है।
- पेशीय अधर हृदय – सभी कॉर्डेटा जन्तुओं में हृदय देहगुहा में अधर तल पर पाया जाता है।
- लाल रुधिर कणिकाओं की उपस्थिति – रुधिर की लाल रुधिर कणिकाओं में हीमोग्लोबिन के कारण रुधिर का रंग लाल प्रतीत होता है। हीमोग्लोबिन श्वसन में सहायक होता है।
- पूँछ की उपस्थिति – सभी कॉडेटा जन्तुओं में गुदा के पीछे एक पेशीयुक्त पूँछ पाई जाती है, जो कुछ जन्तुओं मे भ्रूणावस्था के पश्चात समाप्त हो जाती है और कुछ में जीवनपर्यन्त बनी रहती है।
संघ कॉर्डेटा (Phylum Chordata) जीव विज्ञान में उन जीवों का एक बड़ा समूह है जिनमें कुछ समय के लिए या उनके जीवनचक्र के दौरान एक नोटोकॉर्ड (Notochord) पाया जाता है। इस समूह में विभिन्न प्रकार के जीव शामिल हैं, जैसे कि मछलियाँ, उभयचर, सरीसृप, पक्षी, और स्तनधारी। इस संघ के जीवों की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1. नोटोकॉर्ड (Notochord)
- जीवन के किसी चरण में, सभी कॉर्डेट्स में एक नोटोकॉर्ड होता है, जो एक लंबी, लचीली और रॉड-जैसी संरचना होती है जो शरीर को सहारा देती है।
2. डॉर्सल नर्व कॉर्ड (Dorsal Nerve Cord)
- एक डॉर्सल, खोखली नर्व कॉर्ड, जो नोटोकॉर्ड के ऊपर स्थित होती है और अधिकांश अन्य जीवों की तुलना में इसकी विशिष्ट स्थिति होती है।
3. गलफड़ों के छिद्र (Pharyngeal Slits)
- ग्रसनी (pharynx) में छिद्र या स्लिट्स होते हैं, जो कुछ जीवों में श्वासन में सहायक होते हैं और विकास के दौरान किसी न किसी रूप में उपस्थित होते हैं।
4. पूंछ (Post-anal Tail)
- अनुस के पीछे एक पूंछ होती है, जो कम से कम जीवन चक्र के किसी एक चरण में पाई जाती है। यह पूंछ आंदोलन में सहायक हो सकती है।
5. एंडोस्टाइल या थायरॉइड ग्रंथि (Endostyle or Thyroid Gland)
- ग्रसनी क्षेत्र में एंडोस्टाइल या थायरॉइड ग्रंथि होती है, जो जीवन के किसी चरण में आयोडीन-युक्त हार्मोन के संश्लेषण में सहायक होती है।
6. हृदय और रक्त परिसंचरण (Heart and Circulatory System)
- एक विकसित हृदय और खून का परिसंचरण तंत्र होता है, जो ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाने में सहायक होता है।
7. बाह्य और आंतरिक संरचनाओं की जटिलता
- विकसित आंतरिक अंग प्रणाली, जैसे कि श्वसन, पाचन, और प्रजनन तंत्र, साथ ही संवेदी अंगों का विकास होता है।
8. विकासात्मक पैटर्न
- बहुत से कॉर्डेट्स में विकासात्मक चरणों के दौरान विशिष्ट पैटर्न और प्रक्रियाएँ होती हैं, जैसे कि ब्लास्टुला, गैस्ट्रुला आदि।
संघ कॉर्डेटा के ये मुख्य लक्षण इसे अन्य जीवित प्राणियों के संघों से अलग करते हैं और इसके जीवों की जटिलता और विविधता को दर्शाते हैं।