electrochemical grade in hindi विद्युत रासायनिक श्रेणी किसे कहते है और इसके अनुप्रयोग, विभिन्न इलेक्ट्रोडो या उन पर होने वाली अर्थ अभिक्रियाओ के मानक इलेक्ट्रोड विभव को बढ़ते हुए क्रम में रखने पर जो श्रेणी प्राप्त होती है उसे विद्युत रासायनिक श्रेणी कहते है। इस श्रेणी में सभी धातु अपनी सक्रियता के घटते क्रम में स्थिर रहती है।
विद्युत रासायनिक श्रेणी के अनुप्रयोग
- विद्युत रासायनिक श्रेणी में सबसे ऊपर प्रबल अपचायक धातुओं को तथा सबसे नीचे प्रबल ऑक्सीकारक धातुओं को रखा जाता है।
- इस रासायनिक श्रेणी में ऊपर स्थित धातु अपने से नीचे स्थित धातु को उसके लवण के विलयन से मुक्त करती है।
Zn + CuSO₄ →ZnSO₄ ⁺Cu (✓)
Cu + ZnSO₄ →CuSO₄ ⁺Zn (X)
3. विद्युत रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर स्थित धातुएं अम्लो से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करती है, लेकिन हाइड्रोजन से नीचे स्थित धातुएं ऐसा नहीं करती है।
Zn + H₂SO₄ →ZnSO₄ + H₂ (✓)
Cu + H₂SO₄ →CuSO₄ + H₂ (X)
4. श्रेणी में हाइड्रोजन से नीचे स्थित धातुओं के ऑक्साइडो को गर्म करने से ऑक्सीजन गैस मुक्त की जा सकती है, लेकिन हाइड्रोजन से ऊपर स्थित धातुओं के ऑक्साइड गर्म करने पर ऑक्सीजन मुक्त नहीं कर सकते हैं।
उपयोग
- विद्युत रासायनिक श्रेणी की सहायता से विभिन्न धातु द्वारा अम्लों में से हाइड्रोजन विस्थापित कर पाने की क्षमता प्राप्त होती है।
- इसकी सहायता से धातुओं की क्रियाशीलता की तुलना की जा सकती है।
CuSO₄ के विलयन में Zn चूर्ण मिलाने पर CuSO₄ से नीला रंग क्यों लुप्त हो जाता है?
CuSO₄ विलयन में Cu⁺⁺ आयनों के कारण विलयन नीला होता है। जिंक धातु, Cu धातु से ऊपर स्थित है, इसलिए Zn अपचायक धातु है। इसका ऑक्सिकारक Zn⁺⁺ व 2e⁻ में हो जाता है। Cu⁺⁺ आयन इन इलेक्ट्रॉनो को ग्रहण करके Cu धातु में परिवर्तित होने के कारण इनका नीला रंग लुप्त हो जाता है। Zn⇌Zn²⁺ + 2e⁻ – ऑक्सीकारक CuSO₄ ⇌Cu⁺⁺ + SO₄⁻⁻Cu⁺⁺ + 2e⁻ ⇌Cu – अपचायक Zn + CuSO₄ → ZnSO₄ + Cu
धातुओं की सक्रियता श्रेणी
Li | लिथियम |
K | पोटेशियम |
Na | सोडियम |
Ca | कैलशियम |
Mg | मैग्निशियम |
Al | एलुमिनियम |
Zn | जिंक |
Fe | आयरन |
H | हाइड्रोजन |
Cu | कॉपर |
Hg | पारा |
Ag | सिल्वर |
Au | सोना |