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मेंडलीफ की आवर्त नियम तथा आधुनिक आवर्त नियम में क्या अंतर है?

मेंडलीफ की आवर्त नियम तथा आधुनिक आवर्त नियम में क्या अंतर है?

आवर्त सारणी के विकास में मेंडलीफ का आवर्त नियम और आधुनिक आवर्त नियम दो महत्वपूर्ण पड़ाव हैं। ये दोनों नियम तत्वों के वर्गीकरण और उनके गुणों को समझने के लिए आधारशिला प्रदान करते हैं। आइए इन दोनों नियमों के बीच के अंतर को समझते हैं।

मेंडलीफ का आवर्त नियम

दिमित्री मेंडलीफ, एक रूसी रसायनज्ञ, ने 1869 में आवर्त नियम प्रस्तुत किया। उनके नियम के अनुसार, तत्वों के गुण उनके परमाणु भार के आवर्ती फंक्शन के रूप में बदलते हैं, अर्थात् यदि तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु भार के क्रम में व्यवस्थित किया जाए, तो समान गुण वाले तत्व नियमित अंतराल पर दोहराए जाते हैं। मेंडलीफ ने इस आधार पर एक आवर्त सारणी विकसित की, जिसमें उन्होंने तत्वों को उनके परमाणु भार के अनुसार व्यवस्थित किया और उनके गुणों के आधार पर समूहों में बांटा।

आधुनिक आवर्त नियम

आधुनिक आवर्त नियम को हेनरी मोज़ले ने 1913 में प्रस्तावित किया। मोज़ले के अनुसार, तत्वों के गुण उनके परमाणु भार के बजाय उनके परमाणु क्रमांक (अर्थात् प्रोटॉनों की संख्या) के आवर्ती फंक्शन के रूप में बदलते हैं। इस नियम के अनुसार, जब तत्वों को उनके बढ़ते परमाणु क्रमांक के अनुसार व्यवस्थित किया जाता है, तो समान गुण वाले तत्व नियमित अंतराल पर दोहराए जाते हैं। इस नियम ने आवर्त सारणी की वर्तमान रूपरेखा को आकार दिया।

मुख्य अंतर

  1. वर्गीकरण का आधार - मेंडलीफ का नियम परमाणु भार पर आधारित था, जबकि आधुनिक आवर्त नियम परमाणु क्रमांक पर आधारित है।
  2. सटीकता और स्पष्टता - मेंडलीफ की आवर्त सारणी में कुछ अपवाद थे और कुछ तत्वों की गलत व्यवस्था थी क्योंकि वह परमाणु भार पर आधारित थी। आधुनिक आवर्त सारणी, जो परमाणु क्रमांक पर आधारित है, अधिक सटीक और स्पष्ट है।
  3. अनुपस्थित तत्वों की भविष्यवाणी - मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़े थे और अनुपस्थित तत्वों की भविष्यवाणी की थी, जो बाद में खोजे गए। आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था अधिक संगठित है और यह परमाणु क्रमांक के आधार पर उनके सही स्थान को दर्शाती है।

मेंडलीफ के आवर्त नियम और आधुनिक आवर्त नियम के बीच ये अंतर आवर्त सारणी के विकास और रसायन विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान की दिशा को प्रभावित करते हैं।