प्रस्तुत नाटक के पात्र– खंबा, पेड़, लेटर बॉक्स, कौआ, लड़की और आदमी हैं जो एक लड़की को उसके पापा तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं। नाटक की घटनाएं एक सड़क पर घटती हैं। रात में बिजली का खंभा और पेड़ अपने जीवन के बारे में बातें करते हैं। खंभों को रात-दिन खड़े रहने की परेशानी है। पेड़ को भी। वे सर्दी, गर्मी, बरसात सदा खड़े ही रहते हैं। उन्हें आंधी-तूफान झेलना पड़ता है। तभी लेटर बॉक्स (लाल ताऊ) भी उनकी बातचीत में शामिल हो जाता है।
वह कुछ पत्र निकालकर पढ़ने लगता है। खंभा और पेड़ समझाते हैं कि किसी का पत्र पढ़ना अच्छी बात नहीं। जिसे लिखा गया हो, उसे ही पढ़ना चाहिए। तभी एक बदमाश आदमी आता है। वह एक छोटी प्यारी सी लड़की को उठाकर लाया है। अगले दिन किसी को बेच देगा। लड़की को उसने थोड़ी बेहोशी की दवा दे दी है। पेड़ की आड़ में लड़की को लिटा कर भोजन की तलाश में जाता है।
गुंडे के जाते ही खंभा, पेड़ और लेटर बॉक्स बच्ची के बारे में चिंतित हो जाते हैं। वे कौवे को भी जगाते हैं और उस दृष्टि आदमी के बारे में और लड़की को बचाने के बारे में बातें करने लगते हैं। तभी लड़की को कुछ होश आता है। वह समझ नहीं पाती कि बातें कौन कर रहा था। उसे अंधेरे में डर लगने लगा। लेटर बॉक्स बोलता है तो वह बहुत खुश होती है।
यह दोनों बातें करते हैं। लेटर बॉक्स लड़की का पता-ठिकाना जानना चाहता है, पर लड़की को कुछ ठीक से मालूम नहीं है। धीरे-धीरे पेड़, खंभा और कौवा भी बातचीत में शामिल हो जाते हैं। अब लड़की को डर नहीं लगता। वह सबके साथ खेलने लगती है। पोस्टर की लड़की भी उसके साथ नाचने लगती है।
तभी वह दुष्ट आदमी आ जाता है। सभी चुप हो जाते हैं। वह लड़की को ढूंढता है। लड़की लड़की बचने का प्रयत्न करती है। पेड़,लेटर बॉक्स, खंभा और पोस्टर सभी लपक-झपक कर बीच में आते हैं और लड़की को गुंडे के हाथ नहीं आने देते। तभी कौवा चिल्लाता है-भूत! फिर सभी भूत-भूत चिल्लाने लगते हैं। गुंडा घबराकर भाग जाता है। सभी खूब हंसते हैं। कुछ देर लड़की नहीं मिलती तो सब मिलकर उसे ढूंढते हैं और थपकी देकर उसे सुला देते हैं।
खंभा, पेड़,आदि के सामने समस्या है कि लड़की को उसके घर कैसे पहुंचाएं। उसे तो अपने पापा का नाम भी नहीं मालूम। वे एक योजना बनाते हैं। सुबह होती है। सड़क पर सोई लड़की पर पेड़ झुक कर छाया किए हुए है। खंबा टेढ़ा खड़ा है। देखने में लगता है जैसे कोई दुर्घटना हुई हो। कौवा शोर मचाकर लोगों का ध्यान खींचता है। पोस्टर पर लिखा है-मेरे पापा खो गए हैं। लेटर बॉक्स सरकता हुआ लोगों से कहता है-इस प्यारी बच्ची के पापा मिल जाएं तो यहां ले आइए।