जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में एंजाइम उत्प्रेरक के रुप में कार्य करके अभिक्रिया के वेग को बढ़ा देता है तो यह घटना एंजाइम उत्प्रेरक कहलाती है।
दूसरे शब्दों में इसकी परिभाषा कहे तो, जीवो और पेड़ पौधों की क्रियाओं का योग के वेग को प्रभावित करने के लिए जो पदार्थ काम में लिया जाता है उसे ही हम एंजाइम उत्प्रेरक कहते है।
एंजाइम जटिल नाइट्रोजनयुक्त कार्बनिक योगिक है। ये जीवित पौधों एवं जंतुओं द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं और ये उच्च अणुभार वाले प्रोटीन है।
अभिक्रिया - (चीनी (सुक्रोस)) + H₂O (जल) → (इन्वर्टेस एंजाइम) C₆H₁₂O₆ (ग्लूकोज) + C₆H₁₂O₆ (फ्रक्टोस)
नोट- एंजाइम एक प्रोटीन है लेकिन इसमें एक अप्रोटीन पदार्थ भी पाया जाता है उसका नाम है को एंजाइम प्रोटीन इसका कार्य यह होता है कि यह एंजाइम की सक्रियता को बढ़ाता है।
एंजाइम उत्प्रेरक के लक्षण
दोस्तों मैं आपको एंजाइम उत्प्रेरक के लक्षण बता रहा हूं जिससे कि आपको यह पता चल जाएगा कि इसका क्या कार्य होता है।
- अभिक्रिया की दर एंजाइम की सांद्रता के सीधे समानुपाती होती है।
- एंजाइम की उत्प्रेरणीय क्रियाशीलता काफी विशिष्ट होती है।
- एंजाइमों की प्रकृति कोलाइडी होती है।
- एंजाइम की क्रियाशीलता को कम या समाप्त किया जा सकता है।
- दोस्तो एंजाइम उत्प्रेरित अभिक्रिया की दर एक निश्चित तापमान एवं PH पर अधिकतम होती है।
एंजाइम उत्प्रेरित के उदाहरण
एंजाइम उत्प्रेरक के उदाहरण में आपको यह बता रहा हूं कि एंजाइम किसको किसमें बदलता है।
- माल्टेस उत्प्रेरक की उपस्थिति में माल्टोस ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है।
- डायस्टेस एंजाइम की उपस्थिति में स्टार्च के जल-अपघटन से माल्टोस बनता है।
- टायलिन एंजाइम मनुष्य के मुंह की लार में रहता है जो इस स्टार्च को ग्लूकोस में बदल देता है।
- यूरीएस एंजाइम यूरिया को अमोनियम कार्बोनेट में बदल देता है।
- यीस्ट में उपस्थित एंजाइम उत्प्रेरक इन्वर्टेस और जाइमेस गन्ने की शक्कर को एथिल एल्कोहल में बदल देते हैं।
अंतिम निष्कर्ष
दोस्तों आज मैंने आपको इस पोस्ट के माध्यम से यह बताया कि एंजाइम उत्प्रेरक क्या कार्य करता है और यह क्या होता है इसके लक्षण व उदाहरण के बारे में भी बताया है अगर यह पोस्ट आपको मेरी पसंद आती है तो अपने स्कूल और कॉलेज के दोस्तों को जरुर शेयर करें जी धन्यवाद।