1-पठित पाठ के आधार पर भोलानाथ का अपने पिता से अधिक लगाव क्यों था।
उत्तर- बच्चे भोलानाथ का अपने पिता से अधिक चुनाव था फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास ना जाकर मां की शरण में जाता था इसका कारण यह है की माता पिता के आंचल की छांव में बच्चे स्वयं को अधिक सुरक्षित अनुभव करते हैं क्योंकि बच्चे यह बात भली-भांति जानते हैं कि वहां उनकी भावनाओं आवश्यकताओं और दुखों को कहीं अधिक जानती समझती हैं और वह उनके प्रति गंभीर भी होती है पाठ के ही उदाहरण से इसे समझा जा सकता है बालक भोलानाथ सांप से अत्याधिक भयभीत होकर गिरता पड़ता लहूलुहान होकर मां के आंचल में जाकर रोने लगता है वह के कारण ना उसकी आंखें होती हैं और ना होठों का कंपनक् रुकता है।
बालक की इस दशा को देखकर मां अपनी रूखाईक् नहीं रोक पाती।वह बार-बार भोलेनाथ को निहार कर रोती और बड़ी लाड से उसे गले लगा लेती जबकि पिता पर इसकी कोई विशेष प्रतिक्रिया ना हुई वह दौड़ दौड़ आई अवश्य और उसे अपनी गोद में लेने का प्रयत्न किया भी किंतु आई अवश्य और भावनात्मक रूप में भी उसे आश्वासन न दे सके कि उसके दुख भया का तीव्रता का अनुभव उनको है जबकि माता के आंसुओं ने बालक को आश्वस्त कर दिया की एकमात्र वही उसके दुख को समझती है और वही उस दुख में उसकी भागीदारी भी है
2-आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है।
उत्तर- भोला नाथ के बहुत सारे मित्र थे वह उन मित्रों के झुंड में खिलता कुत्ता और खूब तमाशा करता था उसे खेलना कूदना बहुत प्रिया था इसलिए वह साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता और उनके खेलकूद में शामिल हो जाता।
3-भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है।
उत्तर- भोलानाथ और उसके साथियों के खेल आज के खेल से बिल्कुल अलग हैं आज गांव में और नगरों में रहने वाले बालक क्रिकेट शतरंज सांप सीढ़ी आदि खेलने लगी है आधुनिक खेल खिलौने से खेलते हैं हम लोग पार्क में जाते हैं वहां हम फुटबॉल खेलते हैं रस्सी कूद खेलते हैं बैडमिंटन खेलते हैं संभवत या जिस काल का चित्रण रचनाएं ने किया है उस समय यह खेलना हो या भोलेनाथ के ग्रामीण परिवेश में यह ना हो।
इस प्रकार भोलानाथ की खेल सामग्री मिट्टी वृक्षों की टहनियां या घर में प्रयुक्त किया जाने वाला सामान होता था जबकि आजकल तो उत्कृष्ट खेल सामग्री बाजार में उपलब्ध हैं।
4-पाठ में आए ऐसे प्रश्नो का वर्णन कीजिए जो आपके दिल को छू गए हो।
उत्तर- 1-बालक भोलेनाथ का पिता से कुश्ती लड़ना पिता का कुश्ती हार जाना बालक का पिता को खट्टा और मीठा पिता का बालक को समय दाढ़ी मूछ चुभा देना और बालक बुलाकर उनकी मूछै उसने लगना।
2-बालक भोलानाथ का अपने साथियों के साथ मिठाई की दुकान सदानी भारत की जुलूस निकालने दूल्हे दुल्हन का ब्याह रचाने खेती करने फसल काटने बोने खेल खेलना।
3-चूहे के बिल से सांप के निकलने पर सभी के भाग खड़े होने और डरकर बेकहाउस भागने से घायल बालक भोलेनाथ का लहूलुहान अवस्था में पिता को शुरू कर दी मां के आंचल में जितने और बालक को रोते देख कर रोने लगने का प्रसंग