इस प्रकार के अधिशोषण में अधिशोष्य के अणु अधिशोषक के पृष्ठ पर उन बलो या बंधो के द्वारा जुड़े हैं जो कि सामान्य रासायनिक बंधन में प्रयुक्त होते हैं। इसे रासायनिक अधिशोषण कहते हैं।
किसी प्रष्ट पर अधिशोषण का अर्थ अधिशोषक के पृष्ठ पर अधिशोष्य की सांद्रता का स्थूल प्रावस्था में अधिशोष्य की सांद्रता से अधिक होता है। इसे धन अधिशोषण कहते हैं। कुछ द्रव विलेनो में विलयनो में विलेय की सांद्रता विलयन में उपस्थित या स्थूल भागों की अपेक्षा पृष्ठ स्तर में कम होती है। इस प्रकार के अधिशोषण को ऋण अधिशोषण कहते हैं।
वाण्डर वाल्स बल
ये अणुओं के मध्य कार्य करने वाले आकर्षण बल है जो तब कार्य करते हैं जब अणु अति निकट होते हैं।
पृष्ठ बल
क्रिस्टलीय ठोस में उसके परमाणु त्रिविमीय रूप में एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। क्रिस्टल के पृष्ठ पर उपस्थित परमाणुओं की संयोजकताए प्रायः असंतुष्ट रहती है, क्योंकि परमाणु तीनों विमाओ में बंधित नहीं हो सकते हैं। अतः पृष्ठ पर उपस्थित परमाणुओं पर मुक्त संयोजकता उपस्थित रहती है।
इनके द्वारा ये परमाणु अधिशोष्य के परमाणुओ या अणुओं को अपनी सतह पर रोक लेते हैं या बांध लेते हैं। अधिशोष्य अणुओं तथा अधिशोष्य के मध्य उपस्थित बलों की प्रकृति के आधार पर अधिशोषण को दो वर्गों में विभाजित किया गया है जो कि निम्नलिखित है।
भौतिक अधिशोषण
यदि अधिशोष्य किसी ठोस पृष्ठ से दुर्बल वाण्डर वाल्स बलो द्वारा बंधता है तो अधिशोषण को वाण्डर वाल्स अधिशोषण या भौतिक अधिशोषण या भौतिक शोषण कहते हैं। क्योंकि इस प्रकार के अधिशोषण में अधिशोषक एवं अधिशाष्य के मध्य दुर्बल बल कार्य करते हैं, इस कारण यह प्रकार इस प्रकार का अधिशोषण गर्म करने अथवा दाब बढ़ाने पर उत्क्रमित हो जाता है।
भौतिक अधिशोषण और रासायनिक अधिशोषण में अंतर
भौतिक अधिशोषण | रासायनिक अधिशोषण |
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1. यह वाण्डर वाल्स बलो के कारण होता है। | यह रासायनिक बंध बनने के कारण होता है। |
2. यह प्रकृति में विशिष्ट नहीं है। | यह प्रकृति में अतिविशिष्ट होता है। |
3. भौतिक अधिशोषण प्रकृति में उत्क्रमणीय है। | रासायनिक अधिशोषण प्रकृति में अनुत्क्रमणीय है। |
4. यह गैस की प्रकृति पर निर्भर करता है। अधिक सरलता से द्रवणीय गैसे सहजता से अधिशोषित होती है। | यह भी गैस की प्रकृति पर निर्भर करता है। वे गैसे जो अधिशोषक से क्रिया करती हैं, रसोवशोषण दर्शाती है। |
5. इसमें अधिशोषण की एन्थैल्पी कम 20-40 KJ mol⁻¹ होती है। | इसमें अधिशोषण की एन्थैल्पी उच्च 80-240 KJ mol⁻¹ होती है। |
6. यह पृष्ठीय क्षेत्रफल पर निर्भर करता है यह पृष्ठीय क्षेत्रफल के बढ़ने पर बढ़ता है। | यह भी पृष्ठीय क्षेत्रफल पर निर्भर करता है यह भी पृष्ठीय क्षेत्रफल के बढ़ने पर बढ़ता है। |
7. इसमें सुप्रेक्ष्य सक्रियण ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है। | कभी-कभी उच्च सक्रियण ऊर्जा की आवश्यकता होती है। |
8. भौतिक अधिशोषण के लिऐ निम्न ताप सहायक होता है। यह ताप बढ़ने पर घटता है। | 8. इसमें अधिशोषण के लिऐ उच्च ताप सहायक होता है। यह ताप बढ़ने पर बढ़ता है। |