हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको इटली का एकीकरण के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
इटली के एकीकरण के इतिहास को निम्नलिखित सोपानों में विभक्त किया जा सकता है।
प्रथम सोपान
वियना कांग्रेस के निर्णयो के अनुसार इटली यूरोप की भौगोलिक इकाई मात्र बन गया था।इटली के छोटे-छोटे राज्यों की जनता राष्ट्रीय भावनाओं से परिपूर्ण होकर अपनी एकता और स्वतंत्रता की इच्छुक थी, किंतु बिजली के राज्यों के निरंकुश शासक अपनी सत्ता को त्यागने के लिए तैयार न थे।
अतः इटली के देशभक्तों के राष्ट्रीय एकीकरण का आंदोलन प्रारंभ किया। कार्बोनरी संस्था के सदस्यों ने इस दिशा में अनेक प्रयत्न किए, किंतु 1848 ईसवी तक उन्हें सफ़लता ना मिल सकी। मेत्सिनी ने नेपल्स तथा सिसली विद्रोह को सफल बनाने का यथासंभव प्रयास किया, किंतु उसे अपने लक्ष्य में सफलता न मिल सकी।
द्वतीय सोपान
इस सोपान में गैरीबाल्डी और काबुल ने अथक प्रयत्न किए और इटली के एकीकरण को संभव बनाया। कावूर परम देशभक्त था। उसके कार्यों के विषय में ग्रांट वह टेंप रेली में लिखा था। उसके प्रथम कार्यों में से एक कार्य मिशनरियों का विनाश करना भी था। जिस अर्थ में उस समय उधार शब्द का प्रयोग होता था।
उसी अर्थ में वह उदारवादी था और उसकी उदारवादीथा स्वाभाविक थी। परंतु इटली के एकीकरण में सबसे अधिक उसका ध्यान अपनी और लगा रखा था। अन्य लोगों से नीति का अंतर इस दिशा में था कि वह वास्तविक में विश्वास करता था और शासन में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों का उसे वास्तविक ज्ञान था।
कावूर ने क्रीमिया के युद्ध में भाग लेकर फ्रांस तथा इंग्लैंड की सहानुभूति प्राप्त की और नेपोलियन तृतीय के साथ 20 जुलाई 1858 ईस्वी को प्लोमबीयर्स का समझौता कर लिया। इस समझौते के अनुसार-
- इटली की सभी जातियों को संयुक्त करके एकीकरण किया जाएगा।
- रोम के पॉप के अधिकार सुरक्षित होंगे।
- फ्रांस ऑस्ट्रेलिया को लंबाडी तथा वेनेशिया से निकलने के लिए सार्डीनिया को सैन्य सहायता देगा।
- सार्डीनिया इसके बदले में फ्रांस को नीच और सेवाएं के प्रदेश देगा।
इस समझौते के अनुसार का कावूर ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया किंतु युद्ध के मध्य नेपोलियन तृतीय ने आस्ट्रेलिया के साथ विलाफ्रैंका की संधि कर ली। विवश होकर विक्टर इमैनुअल को भी आस्ट्रेलिया के साथ ज्यूरिख की सन्धि करनी पड़ी।
तृतीय सोपान
सोपान में इटली के एकीकरण के लिए मेत्सिनी तथा गैरीबाल्डी ने महत्वपूर्ण कार्य किए।सिसली के विद्रोह से लाभ उठाकर गैरीबाल्डी ने चली और नेपल्स पर अधिकार कर लिया और रोम तथा वेनेशिया पर आक्रमण करने की योजना बनाई। इसी समय कावूर नए पोप के राजा अंब्रिया तथा मार चेंज पर अधिकार कर लिया और नेपोलियन को अपने पक्ष में कर लिया। बाद में गैरीबाल्डी ने इटली के एकीकरण के लिए नेपल्स और सिसिली सार्डीनिया के राजा को प्रदान कर दिए। इसी समय मध्य किले के राजा वर्मा मोदी ना और टस्किनी भी सार्डीनिया है से मिल गई।
चतुर्थ सोपान
अब केवल वेनेशिया और रोम इटली में मिलते को रह गए थे।18 सो 66 ईस्वी में ऑस्ट्रेलिया और प्रसा के मध्य युद्ध प्रारंभ हो गया था, जिसका लाभ उठाकर विक्टर ने वेनेसिया को अपने साम्राज्य में मिला लिया। अंत में रूम पर आक्रमण करके विक्टर इमैनुअल ने उस पर अधिकार कर लिया। इस प्रकार 20 सितंबर का 1870 इसी वीं को इटली का राष्ट्रीय एकीकरण पूरा हो गया।