हेलो, दोस्तों आज की इस पोस्ट के माध्यम से, मैं आपको जीव विज्ञान के बारे में जानकारी देने वाला हूँ, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
जीव विज्ञान क्या है?
जीव विज्ञान वह शाखा है। जिसके अंतर्गत जीवो का अध्ययन किया जाता है। Biology शब्द का अर्थ है। Bio=Living (जीवित जीव) Logy= to study | इसके अंतर्गत जीवित जीवो का अध्ययन किया जाता है। जीव विज्ञान के जनक अरस्तु (Aristotle) को कहा जाता है।
जीव विज्ञान की दो प्रमुख शाखाएं हैं।
- जंतु विज्ञान
- वनस्पति विज्ञान
वनस्पति विज्ञान के जनक थियोफ्रेस्टस माने जाते हैं।
जीव धारियों का पांच जगत में वर्गीकरण
परंपरागत द्वि-संसार वर्गीकरण का स्थान Whittaker के द्वारा 1969 ईस्वी में प्रस्तावित पांच संसार प्रणाली ने ले लिया और इसके अनुसार समस्त जीवों को निम्नलिखित पांच खंडो में वर्गीकृत किया गया है-
- जंतु
- कवक
- पादप
- प्रोटिस्टा
- मोनेरा
1.जंतु
जंतु इस संसार में सभी बहुकोशिकीय जंतुसंभाजी यूकेरियोटिक उपभोक्ता जीव शामिल किया जाता हैं। इनको मोटोजोआ भी कहा जाता हैं। जेलीफिश, कृमि, उभयचर¸ मछली¸ कृमि, हाइड्रा, सितारा, सरीसृप, पक्षी तथा स्तनधारी जीव संसार के अंग है।
2.कवक
इस संसार में वह यूकेरियोटिक तथा परपोषित जीवधारी शामिल किए जाते हैं। जिनमें अवशोषण के द्वारा पोषण होता है। ये सभी इतरपोषी जीव होते हैं। यह परजीवी अथवा मृत्यु परजीवी होते हैं इसकी कोशिका भित्ति काइटिन का बना हुआ होता है।
3.पादप
इस संसार में प्राय: वे सभी रंगीन, बहुकोशिकीय, प्रकाश संश्लेषी उत्पादक जीव शामिल हैं। शैवाल, मांस, पुष्पीय और अ पुष्पीय बीजीय पौधे इसी संसार के अंग है।
4.प्रोटिस्टा
इस संसार में भिन्न-भिन्न प्रकार के एक कोशकीय प्राय: जलीय यूकैरियोटिक जीव शामिल किए गए हैं। पादप एवं जंतु के बीच में स्थित युग्लीना इसी संसार के है। इस दो प्रकार का जीव पद्धति प्रदर्शित करती है- सूर्य के प्रकाश में स्वपोषित और प्रकाश के अभाव के इतर पोषित इसके अंतर्गत साधारणत: प्रोटोजोआ आते हैं।
5.मोनेरा
इस संसार में सभी प्रोकैरियोटिक जीव अथार्त जीवाणु, साइनो-बैक्टीरिया और आर्की-बैक्टीरिया शामिल है।तंतुमय जीवाणु इसी संसार के अंश है।